पंजाब सरकार को चुनावी माहौल में बड़ा झटका लगा है। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने ड्रग मामले में फरार चल रहे शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया को अग्रिम जमानत दे दी है। साथ ही उन्हें जांच में शामिल होने का आदेश दिया है। मामले से जुड़े वकीलों ने बताया कि उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया है और पुलिस से कहा गया है कि वे सुनवाई की अगली तारीख तक उन्हें गिरफ्तार न करें। मामले की अगली सुनवाई अब 18 जनवरी को होगी। मिली जानकारी के मुताबिक, बुधवार को सुबह 11 बजे बिक्रम मजीठिया जांच में शामिल होंगे। हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इस दौरान पंजाब पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं करेगी।
क्या है राजनीतिक पेंच?
बिक्रम सिंह मजीठिया, शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के साले और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर के भाई हैं। मजीठिया ने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से इनकार किया है। वहीं, अकाली दल ने मजीठिया के खिलाफ FIR दर्ज किए जाने को राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। चन्नी सरकार ने इस मामले में कार्रवाई कर ये साबित करने की कोशिश की थी कि वो पंजाब में ड्रग्स को लेकर काफी सख्त है। वहीं इसी बहाने उन्हें शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ चुनाव प्रचार में बढ़त मिल सकती थी। लेकिन अदालत के इस फैसले से उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है
क्या है मामला?
पंजाब में ड्रग्स गिरोह की जांच के संबंध में 2018 की एक रिपोर्ट के आधार पर पंजाब पुलिस ने 20 दिसंबर को मोहाली में अकाली दल के विधायक बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS Act) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। मामला दर्ज होने के बाद से ही वह लापता चल रहे थे और पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही थी। मोहाली अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की मांग को खारिज कर दिया था। इसके बाद बिक्रम सिंह मजीठिया ने अग्रिम जमानत के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट का रुख किया।