पंजाब के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा को मनी लॉन्ड्रिंग केस में 18 नवंबर को मोहाली की अदालत में पेश किया जाएगा।

Parmod Kumar

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मोहाली की एक अदालत ने शुक्रवार को पंजाब के पूर्व विधायक सुखपाल सिंह खैरा को सात दिनों के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ED) की हिरासत में भेज दिया है. सुखपाल सिंह खैरा को गुरुवार को मनी लॉन्ड्रिंग और फर्जी पासपोर्ट रैकेट से जुड़े एक अन्य मामले में कथित संलिप्तता के लिए गिरफ्तार किया गया था.

पूर्व विधायक के बेटे और वकील मेहताब खैरा ने कहा कि सुखपाल सिंह खैरा को उनकी रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद 18 नवंबर को मोहाली की अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत से बाहर आने के दौरान, सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि वह “निर्दोष” थे और उन्होंने ईडी की कार्रवाई को “पूरी तरह से गलत” करार दिया.

मेहताब खैरा ने भी अपने पिता की गिरफ्तारी को “असंवैधानिक और अवैध” बताया और कथित राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई करार दिया.

उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) उनके पिता से एक लाख अमेरिकी डॉलर के बारे में पूछताछ कर रही है जो वास्तव में आम आदमी पार्टी (AAP) को दान में दिया गया था. वकील बेटे ने दावा करते हुए कहा, ‘फंडिंग आम आदमी पार्टी को गई थी और पार्टी से इस बारे में पूछताछ की जानी चाहिए. मेरे पिता का इससे कोई लेना-देना ही नहीं था.

11 बार ईडी के समक्ष पेश हुए पिता सुखपालः मेहताब

उन्होंने आगे यह भी कहा कि उनके पिता सुखपाल सिंह खैरा 11 बार प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश हुए और सभी दस्तावेज प्रस्तुत किया.

जांच एजेंसी ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि सुखपाल सिंह खैरा ड्रग मामले के दोषियों और फर्जी पासपोर्ट रैकेटरों के ‘सहयोगी’ हैं. इस राजनेता ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा कि उन्हें केंद्रीय एजेंसियों द्वारा निशाना बनाया जा रहा था क्योंकि वह केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ मुखर रहे हैं.

पिछले महीने, पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक के रूप में उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. 56 वर्षीय सुखपाल सिंह खैरा ने जून में कांग्रेस में शामिल होने से पहले एक विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया था.

आम आदमी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में हुए शामिल

इससे पहले पिछले महीने पंजाब विधानसभा अध्यक्ष ने भोलाथ के विधायक सुखपाल सिंह खैरा का इस्तीफा स्वीकार कर लिया. खैरा कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद दिसंबर 2015 में आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और 2017 में कपूरथला जिले की भोलाथ विधानसभा सीट से चुने गए थे.

हालांकि साल 2018 में पंजाब विधानसभा के विपक्ष के नेता पद से सुखपाल सिंह खैरा को हटा दिया गया जिससे खफा होकर उन्होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया और जनवरी 2019 में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. खैरा ने बाद में अपनी पार्टी ‘पंजाबी एकता पार्टी’ बनाई लेकिन बठिंडा सीट से 2019 के लोकसभा चुनाव में हार गए थे. अब वह कांग्रेस में लौट आए हैं.