हरियाणा के सीएम और कृषि मंत्री के साथ एफपीओ और निजी कंपनियों के प्रतिनिधि ने किया समझौता, 60 हजार टन बागवानी फसलों की होगी खरीद

Parmod Kumar

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हरियाणा के 20 किसान उत्पादक संगठनों (FPO) ने कृषि उत्पाद बेचने के लिए 29 कंपनियों से एमओयू किया है. इनमें चौधरी चरण सिंह कृषि विश्वविद्यालय हिसार से जुड़ा समझौता भी शामिल है जिसके तहत कृषि के विद्यार्थी इन्टर्नशिप कर सकेंगे. कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि एमओयू करके एफपीओ को कंपनियों से सीधे तौर पर जोड़ा गया है. इसके तहत लगभग 60 हजार टन बागवानी फसलें (Horticultural Crops) खरीदी जाएंगी. ये एमओयू किसानों की प्रगति को नई दिशा की ओर ले जाएंगे. इस मार्केटिंग से किसान समृद्ध होंगे.

दलाल ने बताया कि राज्य में 599 एफपीओ का गठन हो चुका है. एफपीओ में शामिल 77,985 किसानों को विभिन्न कंपनियों के साथ जोड़ा गया है. नई नीति के तहत वर्ष 2022 तक 1000 एफपीओ बनवाने का लक्ष्य है. इन संगठनों से प्रदेश के 16 लाख किसानों को जोड़ा जाएगा. उधर, सीएम मनोहर लाल ने कहा कि किसानों (Farmers) की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं.

फसल विविधीकरण की ट्रेनिंग देने का आह्वान

इस मौके पर सीएम ने प्रदेश के 500 प्रगतिशील किसानों से छोटे किसानों को फसल विविधीकरण (Crop Diversification) का प्रशिक्षण देने को कहा. मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा एफपीओ के गठन में अग्रणी राज्य के रूप में उभर रहा है. ये कृषि को उपयोगी बनाने के लिए भी कार्य कर रहे हैं. इससे आर्थिक तौर पर मूल्यांकन होगा और छोटे किसानों को भरपूर लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि एफपीओ किसानों के उत्पादन, बिक्री, गुणवत्ता, पैकिंग, प्रोसेसिंग आदि में सुधार करेंगे. एफपीओ का उद्देश्य किसानों को एकत्रित करके, उनके उत्पादों का अधिक मूल्य दिलाना है.

फल, सब्जियां, मसाले व शहद सीधे तौर पर खरीदेंगी कंपनियां

मुख्यमंत्री ने कहा कि एमओयू करने वाली कंपनियां प्रदेश के एफपीओ को सीधे तौर पर बाजार से जोड़ेंगी. उन्हें अपने उत्पाद मंडी व अन्य स्थानों पर बेचने की आवश्यकता नहीं होगी. यह कंपनियां सीधे खेत से फल, सब्जियां व शहद की खरीद करेगी, ताकि किसान उत्पादक संगठनों को अधिक मजबूती प्रदान की जा सके. अक्सर किसानों को बाजार में उचित भाव के अभाव में फसल को लंबे समय तक रखने से नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है.

सीएम ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने एवं किसानों को बाजार उपलब्ध करवाने के लिए गन्नौर में बागवानी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सोनीपत में मसाला मंडी तथा गुरुग्राम में फूल मंडी बनाई जा रही हैं. इसके अलावा एनसीआर क्षेत्र के किसानों को पेरी अर्बन खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है.