कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान नेता आज यानी 18 मार्च से 23 मार्च तक ‘शहीद यादगार किसान-मजदूर पद यात्रा’ निकालेंगे।’पदयात्रा’ 18 मार्च को हरियाणा के हिसार में लाल सड़क हांसी से शुरू होगी और टीकरी बॉर्डर पहुंचेंगी। बॉर्डर पर आंदोलन करने वाले कांग्रेस के भेजे लोग: BKU भानु प्रमुख
- कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान नेता आज निकालेंगे पदयात्रा
- 18 मार्च से 23 मार्च तक होगी किसानों की शहीद यादगार किसान-मजदूर पद यात्रा
- संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने 26 मार्च को संपूर्ण भारत बंद का आह्वान किया
किसान आंदोलन के 4 महीने पूरे हो जाएंगे। किसान नेता आज यानी 18 मार्च से 23 मार्च तक ‘शहीद यादगार किसान-मजदूर पद यात्रा’ भी निकालेंगे।
एसकेएम ने एक बयान में कहा, ’23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की शहादत के मद्देनजर शहीद दिवस समारोह में शामिल होने के लिए हरियाणा, उत्तर प्रदेश और पंजाब के लोगों की तैयारी चल रही है।’ ‘पदयात्रा’ 18 मार्च को हरियाणा के हिसार में लाल सड़क हांसी से शुरू होगी और टीकरी बॉर्डर पहुंचेंगी।एक अन्य यात्रा पंजाब के खटकर कलां गांव से शुरू होगी और पानीपत होते हुए सिंघू बॉर्डर पहुचेंगी। तीसरी पदयात्रा मथुरा में शुरू होगी और पलवल की ओर बढ़ेगी।
26 मार्च को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान
गंगानगर किसान समिति के रंजीत राजू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान आंदोलन के चार महीने 26 मार्च को पूरे होने के मौके पर राष्ट्रव्यापी बंद के आह्वान के दौरान भी दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान 12 घंटे तक बंद रहेंगे। इसके बाद, 28 मार्च को होली के मौके पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन किया जाएगा।
रंजीत राजू ने बताया, ‘बंद सुबह छह बजे शुरू होगा और शाम छह बजे तक चलेगा और इस दौरान सभी दुकानें तथा डेयरी और सब कुछ बंद रहेगा।’ उन्होंने कहा, ‘हम तीन (नये कृषि) कानूनों की प्रतियों का होलिका दहन करेंगे और उम्मीद है कि सरकार को सदबुद्धि आएगी। वह इन कानूनों को रद्द करेगी और एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) के लिए लिखित गारंटी देगी।’
किसान नेता पुरषोत्तम शर्मा ने कहा, ‘हम राज्य स्तर पर भी इस तरह की बैठकें करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि बंद हर जगह हो।’ ऑल इंडिया किसान सभा के नेता कृष्ण प्रसाद ने कहा कि 112 दिनों से आंदोलन का लगातार जारी रहना अपने आप में एक उपलब्धि है और अब से यह मजबूत होता जाएगा।
कृष्ण प्रसाद ने कहा, ‘ना तो आपने, ना ही हमने सोचा था कि हम ऐसा कर सकेंगे और लोगों ने यह प्रदर्शित किया है कि वे हमारा समर्थन कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि भारत बंद राज्य, जिला, तहसील और ग्राम स्तर पर होगा। प्रसाद ने विद्युत संशोधन विधेयक, 2021 पेश करने के केंद्र सरकार के कदम पर भी चिंता प्रकट करते हुए दावा किया कि मौजूदा अधिनियम में कोई भी संशोधन जनवरी में किसानों से किए गए सरकार के वादों के खिलाफ होगा।
सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की बातचीत हुई
कृष्ण प्रसाद ने कहा, ‘सरकार के साथ हुई हमारी 11 दौर की वार्ता के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा था कि उन्होंने विद्युत विधेयक को लेकर हमारी मांगें स्वीकार कर ली हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मीडिया में यह खबर आई कि प्रदर्शनकारी किसानों की 50 प्रतिशत मांगों का समाधान हो गया है। लेकिन वे (सरकार) फिर से इस अधिनियम को पेश करने की कोशिश कर रहे हैं। यह धोखा है।’