कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, महासचिव सुखविंदर सिंह मंडेबर, कनिष्ठ उप प्रधान बीबी रविंदर कौर अजराना, कार्यकारिणी समिति मैंबर एवं धर्म प्रचार विंग के चेयरमैन जत्थेदार बाबा बलजीत सिंह दादूवाल, संयुक्त सचिव गुलाब सिंह मुनक इस बारे में लगातार सरकार से बातचीत कर रहे थे।
खाते फ्रीज किए जाने से कमेटी मुख्यालय के कर्मचारी कामकाज ठप कर हड़ताल पर उतर आए थे। जहां कमेटी मुख्यालय पर ही लगातार दो दिन धरना दिया तो वहीं जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर 15 अप्रैल तक का अल्टीमेटम भी दिया था।
कमेटी के प्रवक्ता कवलजीत सिंह अजराना ने बयान जारी कर कहा कि सरकार द्वारा संस्था के खाते फ्रीज किया जाना सरासर गलत था। पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि सिखों की किसी भी संस्था के खाते सरकार ने फ्रीज किए हों। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी प्रकार की फंड में कहीं गड़बड़ हैं, तो सरकार उसकी जांच करवाएं, संस्था द्वारा भी पूरा सहयोग किया जाएगा। खाते फ्रीज किए जाने से न केवल कर्मचारियों का वेतन अटक गया था बल्कि अन्य कार्य भी ठप होने लगे थे।