gehu me kalle kaise badhae | gehu ki kheti गेहूं में फुटाव,कल्ले और ग्रोथ के लिए बेस्ट फॉर्मूला
गेहूं में कल्ले बढ़ाने का नया वैज्ञानिक फार्मूला
कल्लों की संख्या कैसे बढ़ती है?
अधिकतर किसान गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए यूरिया, डीएपी जैसे उर्वरकों का प्रयोग करते हैं, लेकिन इससे केवल आंशिक सफलता मिलती है। असल में, गेहूं में कल्ले बढ़ाने के लिए पौधे की जड़ों को मजबूत और विकसित करना सबसे जरूरी है। जड़ें जितनी मजबूत होंगी, पौधा उतना अधिक पोषक तत्व ग्रहण करेगा, जिससे नए कल्लों की संख्या बढ़ेगी।
माइकोराइजा: एक प्रभावी उपाय
गेहूं में कल्ले बढ़ाने का सबसे प्रभावी और वैज्ञानिक उपाय माइकोराइजा का प्रयोग है। माइकोराइजा एक प्रकार का कवक है, जो पौधे की जड़ों के साथ सहजीवी संबंध बनाता है। यह जड़ों को गहराई तक विकसित करता है और मिट्टी से फास्फोरस तथा अन्य पोषक तत्वों को सक्रिय करके पौधे तक पहुंचाता है। इससे जड़ों की जल धारण क्षमता भी बढ़ती है और पौधा स्वस्थ रूप से विकसित होता है।
माइकोराइजा के लाभ
- जड़ों का विकास: जड़ों को मजबूत और गहराई तक फैलाने में मदद करता है।
- फास्फोरस की सक्रियता: मिट्टी में उपलब्ध फास्फोरस को पौधे के लिए सक्रिय करता है।
- जल धारण क्षमता: पौधों की जल धारण क्षमता बढ़ाता है, जिससे सिंचाई की कम आवश्यकता होती है।
- मिट्टी की उपज क्षमता बढ़ाना: माइकोराइजा मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ाता है।
माइकोराइजा का सही उपयोग कैसे करें?
- प्रकार का चयन: माइकोराइजा दो प्रकार में उपलब्ध है – पाउडर फॉर्म और दानेदार फॉर्म। गेहूं के लिए दानेदार फॉर्म का उपयोग करना बेहतर है।
- डोज और मिश्रण: प्रति एकड़ 4 किलो माइकोराइजा का उपयोग करें। इसे सड़ी हुई गोबर की खाद के साथ मिलाएं।
- स्प्रे न करें: पाउडर फॉर्म का स्प्रे न करें। माइकोराइजा केवल मिट्टी में ही प्रभावी होता है।
- उम्र का ध्यान रखें: यदि गेहूं का पौधा 40 दिन से छोटा है, तभी इसका उपयोग करें।
कौन-कौन सी कंपनियों के उत्पाद उपयोग करें?
कुछ बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले माइकोराइजा उत्पाद:
- टालिस रली गोल्ड जीआर
- धानुका एग्रोटेक का माइरा
- इफको धरती गोल्ड
- आईआईएल का माइको राजा
निष्कर्ष
माइकोराइजा का उपयोग करके गेहूं में कल्लों की संख्या 50-60 तक बढ़ाई जा सकती है। यह विधि वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है और किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। इस फॉर्मूले को अपनाकर किसान अपनी फसल की पैदावार और गुणवत्ता दोनों को बेहतर बना सकते हैं।
सुझाव
किसान भाइयों, इस विधि को अपनाने से पहले दिए गए निर्देशों का सही से पालन करें और फसल की उम्र का ध्यान रखें। इससे आपको बेहतरीन परिणाम मिलेंगे।