मलाइका अरोड़ा का चेहरा याद कीजिए, कितना चमकता है। उनकी शार्प जॉ लाइन, बेदाग चमकती स्किन और ताजगी से भरे चेहरे का राज क्या है? इस सबके पीछे है फेस मसाज। इस मसाज में तरह-तरह की क्रीम और लोशन का इस्तेमाल तो होता ही है, साथ में फेस मसाज टूल्स भी अहम भूमिका निभाते हैं। इसका खुलासा खुद बॉलीवुड की कई एक्ट्रेसेज भी कर चुकी हैं।
दीपिका पादुकोण अपने स्किन रूटीन में फेस रोलर इस्तेमाल करती हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए इस बारे में बताया। वहीं, न्यू मॉम बनीं आलिया भट्ट अपने ब्लॉग में 24K फेस रोलर इस्तेमाल करते दिखीं। उन्होंने बताया कि वह रोज जिम जाने से पहले इसे यूज करती हैं।
अपने इंटरव्यू में देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा भी कह चुकी हैं कि वह कैमरे के सामने जाने से पहले Refa 4 Caxa Ray इस्तेमाल करती हैं जो गुआशा की शेप का है। बॉलीवुड एक्ट्रेसेस के अलावा आजकल ब्यूटी इंफ्लुएंसर्स भी इनके बारे में बहुत बात करते हैं।
आखिर क्या हैं ये फेस मसाज टूल्स? इनका क्या फायदा होता है और कैसे इस्तेमाल किए जाते हैं? किन लोगों को इनका इस्तेमाल करना चाहिए? यह तमाम सवाल सोचे बिना अक्सर लोग इन टूल्स को खरीद लेते हैं। जबकि यह टूल्स सबकी त्वचा पर एक जैसा असर नहीं दिखाते।
2 तरह के होते हैं फेस मसाज टूल्स
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली में डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ. प्रतीक नागरानी कहते हैं कि फेस मसाज टूल्स की 2 कैटिगरी होती हैं। एक कैटिगरी, जेड रोलर और गुआशा की होती है जो स्टोन से बनते हैं। दूसरी कैटिगरी डर्मा रोलर स्टैंप की होती है। इनसे स्किन में कोलेजन को बढ़ाया जाता है। कोलेजन से स्किन यंग दिखती है।
डॉ. प्रतीक नागरानी ने बताया कि जेड रोलर और गुआशा कितना और क्या असर डालता है, इसके कोई पुख्ता नतीजे नहीं हैं। लेकिन इतना तय है कि इनसे त्वचा को कोई नुकसान नहीं पहुंचता।
हजारों साल से इन टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है…

ये टूल्स जिस तरह से डिजाइन किए गए हैं, वह लिंफेटिक ड्रेनेज में मदद करते हैं। दरअसल त्वचा के नीचे लिम्फ यानी लसीका तंत्र होता है। यह ब्लड से निकलकर आता है और त्वचा के नीचे जमा होने लगता है। इससे चेहरे पर सूजन आ जाती है। जब चेहरे पर रोलर से मसाज की जाती है तो जो ब्लड से लिम्फ की होने वाली लीकेज वापस ब्लड में चली जाती है। साधारण भाषा में कहें तो चेहरे पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होने से चेहरे की सूजन दूर होती है और स्किन ग्लो करती है।
वहीं, डर्मा रोलर और डर्मा स्टैंप का वैज्ञानिक आधार है। इनकी मदद से स्किन में माइक्रो इंजरी की जाती है, जिससे कोलेजन बढ़ता है। इन टूल्स का इस्तेमाल 25 साल की उम्र से शुरू किया जाए तो एजिंग को कंट्रोल करके टाला जा सकता है। अगर चेहरे पर विटामिन सी और हाइड्रोलिक सीरम लगाकर इन टूल्स से मसाज की जाए तो इनका असर ज्यादा देखने को मिलता है। डर्मा रोलर .5 से 3.5mm तक आते हैं।
लेकिन अगर ट्रीटमेंट घर पर करना है तो .5 या 1 mm की सुई का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। अगर पिंपल्स की समस्या है या डबल चिन है तो फेस मसाज टूल्स की जगह डर्मेटोलॉजिस्ट से जांच करानी चाहिए।
फेस योग में मसाज टूल्स फायदेमंद
हाउस ऑफ ब्यूटी की फाउंडर विभूति अरोड़ा बताती हैं कि फेस मसाज टूल्स 50-60 तरह के होते हैं। इनका इस्तेमाल चेहरे की मसल्स को स्ट्रेच और रिलैक्स करने के लिए होता है। चूंकि विभूति फेस योग इंस्ट्रक्टर भी हैं तो वह कहती हैं कि जैसे योग से शरीर की मसल्स को स्ट्रेच किया जाता है ताकि ब्लड सकुर्लेशन अच्छा रहे। ठीक वैसे ही फेस योग और मसाज टूल से चेहरे की मसल्स स्ट्रेच होती हैं।
फेस योग के 5 स्टेप हैं। प्राणायाम, स्ट्रेचिंग, फेशियल कार्डियो, आसन और टूल्स मसाज। टूल्स में जेड रोलर, गुआशा जैसे टूल्स आते हैं। यह फेस योग का सबसे अंतिम स्टेप होता है। इन टूल्स की मदद से चेहरे की फाइन लाइन्स, धब्बे, पिंपल्स दूर किए जा सकते हैं। ये एंटी एजिंग के ट्रीटमेंट का काम करते हैं।
ध्यान रहे कि फेस मसाज टूल्स चेहरे और गले पर ही इस्तेमाल किए जाते हैं..

हर टूल का काम अलग-अलग
विभूति अरोड़ा कहती हैं कि जिस तरह से हर इंसान का शरीर अलग होता है, उसी तरह उनका फेस और स्किन की समस्याएं अलग होती हैं। हर व्यक्ति को अपनी प्रॉब्लम के हिसाब से फेस मसाज टूल्स इस्तेमाल करने चाहिए।
डबल चिन-हैवी फेस के लिए गुआशा, पतले चेहरे के लिए कोलेजन बूस्टिंग टूल
कुछ लोगों के फेस पर बहुत फैट होता है। वहीं, कुछ लोग डबल चिन की वजह से परेशान रहते हैं। ऐसे लोगों को गुआशा इस्तेमाल करना चाहिए। कुछ लोगों का चेहरा बहुत पतला होता है, गाल अंदर धंसे हुए होते हैं। ऐसे लोगों को कोलेजन बढ़ाने की जरूरत होती है। इन लोगों को कोलेजन बूस्टिंग टूल इस्तेमाल करना चाहिए।
टेढ़े-मेढ़े चेहरे के लिए फेस लिफ्ट प्रो टूल
स्ट्रेस के चलते आजकल जस्टिन बीबर की तरह कई लोगों को फेशियल पैरालिसिस का सामना करना पड़ रहा है। यह चिंताजनक स्थिति है क्योंकि लकवा चेहरे पर होता है। इसमें फेस योग भी नहीं किया जा सकता। चेहरा असिमेट्रिकल यानी टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है। ऐसे में चेहरे पर फेस लिफ्ट प्रो टूल की मदद से माइक्रोकरंट दिया जाता है। इस टूल की मदद से मसल्स एक्टिवेट की जाती हैं।
डार्क सर्कल और पफी आइज के लिए 24K मसाजर
अगर कोई आंखों की सूजन या काले घेरों से परेशान हैं तो उन्हें 24K फेस मसाजर या आई कप्स इस्तेमाल करने को कहा जाता है। इससे लिंफेटिक ड्रेनेज होती है जिससे सूजन 1 मिनट में दूर हो जाती है। 24K मसाजर में छोटे-छोटे स्पाइक होते हैं जो एक्यूप्रेशर जैसा टूल जैसा दिखता है। यह फाइन लाइन्स, अंडर आइज, डार्क लाइन, नेकलाइन और फोरहेड लाइन यानी माथे की लकीरों को दुरुस्त करता है।
24K मसाजर का झटपट दिखता है असर…

क्रिस्टल से बनते हैं फेस रोलर फेशियल रोलर कई तरह के क्रिस्टल से बनते हैं। यह क्रिस्टल स्किन पर भी अलग-अलग तरीके से काम करते हैं।
रोज क्वार्ट्ज: इस क्रिस्टल को ‘क्रिस्टल ऑफ वीनस’ यानी खूबसूरती की देवी का पत्थर कहा जाता है। यह इमोशनल हीलर भी माना जाता है। यह रोलर स्किन की गंदगी को दूर करके व्यक्ति को स्ट्रेस फ्री रखता है। यह स्किन डिटॉक्स, लिफ्ट और वाइन लाइन्स को दूर करता है।
क्लियर क्रिस्टल: इस स्टोन को मास्टर हीलर कहा जाता है। इसमें सिलिका की मात्रा ज्यादा होती है जिससे स्किन को जरूरी मिनरल्स मिलते हैं और वह हेल्दी रहती है।
ऐमेथिस्ट: यह स्टोन चिंतामुक्त बनाकर व्यक्ति को शांत रखता है। यह एक्ने के लिए बेस्ट क्रिस्टल है।
जेड: जेड नाम का स्टोन लूज स्किन पर असरदार होता है। यह नए स्किन सेल्स को ग्रो करता है जिससे स्किन की इलास्टिसिटी सुधरती है, लिंफेटिक ड्रेनेज में मदद करता है और झुर्रियां नहीं आतीं।
रेड जैस्पर: यह स्टोन हाइपरपिगमेंटेशन और गहरे दाग-धब्बे दूर करता है।