: झलक दिखा दिप गया चांद, मुश्किल से हुए दीदार !

parmodkumar

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धरती पर सोलह श्रृंगार से चांदनी सी दमक रही महिलाओं को देखकर चांद ने भी शर्माकर बादलों के पर्दे में छिप गया। महिलाएं भगवान चंद्रदेव के दर्शनों के लिए आकाश को निहारती रही। फिर बादलों के बीच से चांद निकला और महिलाओं ने उसका दीदार किया। चंद्रदेव की अर्घ्य देकर पूजा की और पति के हाथों करवा से जल ग्रहण कर व्रत को खोला।

कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्थी रविवार को महिलाओं ने पति की दीर्घायु और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना के साथ निर्जला व्रत रखा। महिलाएं करवा चौथ के व्रत को लेकर उत्साहित थीं। सोलह श्रृंगार कर सांझ ढले करवा माता की पूजा विधि-विधान के साथ की।

इसके बाद भगवान चंद्रदेव को अर्घ्य देने के लिए छतों पर पहुंच गईं। धरती पर सोलह श्रृंगार से चांदनी सी दमक रही महिलाओं को देखकर चांद ने भी शर्माकर बादलों के पर्दे में छिप गया। महिलाएं भगवान चंद्रदेव के दर्शनों के लिए आकाश को निहारती रही। फिर चंद्रदेव के निकलते ही महिलाओं के खुशी का ठिकाना न रहा। चंद्रदेव की अर्घ्य देकर पूजा की और पति के हाथों करवा से जल ग्रहण कर व्रत का पारण किया।

मेहंदी रचाई, सोलह श्रृंगार किए

महिलाएं करवा चौथ के व्रत को लेकर उत्साहित रहतीं हैं और व्रत के लिए एक माह पहले से तैयारियां शुरू कर दे देती हैं। भारतीय परंपरागत परिधानों के साथ अलंकरण धारण करती हैं। महिलाओं ने शनिवार की रात को मेहंदी रचाई, कुछ महिलाओं ने व्रत का समय में ही मेहंदी लगाई और सोलह श्रृंगार किए। महिलाओं ने सूर्योदय से दो पहले सरगी कर निर्जला व्रत का संकल्प लिया।

नवविवाहिताओं ने भी रखा करवा चौथ व्रत

नवविवाहिताएं करवाचौथ के व्रत को लेकर अधिक उत्साहित थीं। हालांकि दोपहर के समय उनका चेहरा उतर गया था, लेकिन आस्था और विश्वास के साथ व्रत को पूर्ण किया।

शाम को करवा माता की पूजा की, कथा सुनी

सांझ ढलने पर करवा माता की पूजा, टाऊनशिप, कालोनियों सहित गली-मोहल्लों में महिलाओं ने सामूहिक रूप से करवा माता का पूजन किया। सुहागिन स्त्रियों को सुहाग का सामान और वस्त्र के साथ सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा दी और चरणवंदना कर आशीर्वाद लिया।

गोटे से सजी छलनी से भगवान चंद्रदेव के दर्शन कर पति का चेहरा देखा

चंद्रदेव के उदय होने पर व्रतधारी महिलाओं ने पहले भगवान चंद्रदेव को अर्घ्य दिया और पूजा करने के बाद गोटे से सजी छलनी से पहले चंद्रदेव फिर पति का चेहरा देखा। पतियों ने भी करवा से जल पिलाकर पत्नियों के व्रत का पारण कराया और उपहार भी दिए।