गोल्डी बराड़ ने जिले में कारोबारी पर हमले का रचा था षड्यंत्र, जेल शिफ्ट कराने के लिए थी गहरी साजिश

Parmod Kumar

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हरियाणा में एसटीएफ सोनीपत की टीम ने प्रवीन उर्फ पीके को गिरफ्तार कर लॉरेंस बिश्नोई गैंग को विदेश से चला रहे गोल्डी बराड़ के षड्यंत्र को नाकाम कर दिया है। गोल्डी बराड़ सोनीपत में दो वारदात को अंजाम दिलवाना चाहता था। उसने एक वारदात को अंजाम दिलवाने को ही प्रवीन को हथियार उपलब्ध कराने भेजा था। उसे हथियार पानीपत में किसी को देने थे। एसटीएफ की टीम ने झज्जर के कुलासी निवासी प्रवीन उर्फ पीके को अवैध हथियारों और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास से यूएसए में बनी हुई स्टार कंपनी की 30 व 32 बोर की दो स्वचालित पिस्तौल बरामद की गई हैं। एसटीएफ के अनुसार यह दोनों पिस्तौल लाखों रुपये कीमत की है। इनमें 30 बोर की पिस्तौल दूर तक मार के लिए प्रयोग की जाती है। पुलिस ने प्रवीन को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में ही गोल्डी बराड़ की गहरी साजिश सामने आई है। पुलिस के अनुसार प्रवीन कुमार ने बताया है कि गोल्डी बराड़ ने सोनीपत के एक कारोबारी को टारगेट किया था। उससे अशोक प्रधान गैंग के सदस्य सागर राणा और अरुण बाबा के नाम से रंगदारी मांगनी थी। रंगदारी मांगने के दो दिन बाद उस पर गोली चलानी थी, जिससे सोनीपत जिले में इन दोनों पर जानलेवा हमला कराने और रंगदारी मांगने का मुकदमा दर्ज हो जाए। इसके पीछे गैंग की साजिश थी कि उन दोनों को झज्जर जेल से सोनीपत शिफ्ट करा लिया जाए। वह दोनों वहां परेशान हैं और जेल से अपराध को संचालित करने में परेशानी आ रही है। जेल में बंद एक दूसरे गैंग के बदमाश उनको चुनौती पेश कर रहे हैं। इन दोनों पर सोनीपत में मुकदमा दर्ज कराकर यहां ट्रांसफर कराने का षड्यंत्र था। हालांकि एसटीएफ ने आरोपी को पहले ही दबोच लिया। पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि लॉरेंस गैंग पर नवीन पर हमला करने का दबाव बढ़ रहा है। गैंग उस पर भी हमला करने का षड्यंत्र रच रहा है। गैंग के सदस्य पहले भी उस पर हमला कर चुके हैं।