किसानों के लिए अच्छी खबर चावल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई, जानिए कितने बढ़े दाम।

Parmod Kumar

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उत्तर भारत में चावल कीमतों में बढ़ोतरी हो गई है, सरबती, सेला, और बासमती के दाम 300 रुपये तक बढ़ गए है. कारोबारियों का कहना है कि कमजोर मानसून, मजबूत मांग से दाम बढ़े है. आपको बता दें कि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य पिछले साल के 1868 रुपये प्रति क्विंटल के दाम से 72 रुपये बढ़ाकर साल 2021-22 के लिए 1940 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है.कृषि मंत्रालय के मुताबिक, इस साल रिकॉर्ड 123 मिलियन टन उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है. यह पांच वर्षों के औसत उत्पादन की तुलना में 9 मिलियन टन से अधिक है.

धान के रिकॉर्ड उत्पादन के अनुमान के साथ ही देश से गैर बासमती चावल का निर्यात भी काफी तेजी से बढ़ रहा है. आने वाले समय में इसमें और बढ़ोतरी का अनुमान है.हालांकि उत्पादन और निर्यात का असर भाव पर पड़ता हुआ नहीं दिख रहा है क्योंकि बीते कुछ समय में धान की कीमत एक सीमित दायरे में ही है.

अब आगे क्या होगा?

कारोबारियों का कहना है कि आने वाले समय में धान की कीमतों में तेजी आएगी. उन्होंने कहा कि काफी समय से धान का भाव एक स्तर पर बना हुआ है.

इसमें कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है. लेकिन अब बाजार में स्थिति बदलने की संभावना है, जिसका सीधा लाभ किसानों को होगा.

बाजार में धान का पर्याप्त स्टॉक मौजूद है. उत्पादन भी ज्यादा हो रहा है. इसी वजह से कीमतों में खासा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा. चावल का निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है.ऐसे में मांग बढ़ेगी. आने वाले महीनों, खासकर अक्टूबर और नवंबर से धान की कीमतों में बढ़ोतरी का अनुमान है.

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त तक धान की हुई कुल बुवाई पिछले साल के मुकाबले 1.23 प्रतिशत कम है.

किसानों ने 26 अगस्त तक 388.56 लाख हेक्टेयर में धान रोपा जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 393.41 लाख हेक्टेयर था. मध्य प्रदेश जैसे राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों में धान का कुल रकबा अब तक मामूली कम रहा है.धान की रोपाई में गिरावट ओडिशा, गुजरात, जम्मू और कश्मीर और मिजोरम में बारिश में भारी कमी के कारण हुई.

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अन्य धान उत्पादक राज्यों तेलंगाना, छत्तीसगढ़, झारखंड, केरल, मध्य प्रदेश, मणिपुर, नागालैंड और राजस्थान में बारिश कम हुई है.