बिजनेस डेस्कः शहरी और ग्रामीण बाजारों में उपभोक्ता मांग में क्रमिक सुधार देखा गया और भारत के अधिकतर क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्र मात्रा वृद्धि के मामले में शहरी क्षेत्रों से आगे निकल रहे हैं। ‘डेटा एनालिटिक्स फर्म’ नीलसनआईक्यू की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय FMCG उद्योग में जुलाई-सितंबर तिमाही में 1.5 प्रतिशत कीमत वृद्धि पर 5.7 प्रतिशत मूल्य-आधारित वृद्धि और 4.1 प्रतिशत मात्रा वृद्धि हुई।
रिपोर्ट में कहा गया कि 2024 की तीसरी तिमाही में शहरी उपभोग वृद्धि 2.8 प्रतिशत रही, जबकि ग्रामीण वृद्धि पिछली तिमाही के 5.2 प्रतिशत से बढ़कर छह प्रतिशत हो गई जो शहरी वृद्धि की तुलना में दो गुना है।
छोटी तथा मध्यम एफएमसीजी (दैनिक उपयोग की घरेलू वस्तुओं बनाने वाली) कंपनियों ने कुछ तिमाहियों में गिरावट का सामना करने के बाद वापसी की है। मूल्य और मात्रा के मामले में बड़ी एफएमसीजी कंपनियों की तुलना में खाद्य क्षेत्र की मदद से उनकी वृद्धि तेज रही।
रिपोर्ट में कहा गया कि खाद्य उपभोग वृद्धि दर 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो गई, जबकि दूसरी तिमाही में यह 2.1 प्रतिशत थी। इसमें कहा गया कि एचपीसी (होम एंड पर्सनल केयर) श्रेणियों में खपत वृद्धि 2024 की तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत पर स्थिर रही।