ESIC Medical Colleges in India: भारत में 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने नीट और एमबीबीएस एस्पिरेंट्स के लिए ये बड़ी घोषणा की है। जानिए इससे NEET की तैयारी करने वालों को फायदा कैसे मिलेगा? इसके अलावा भी कई नई ESIC घोषणाएं की गई हैं।
मेडिकल की तैयारी करने वालों के लिए अच्छी खबर आई है। आपके लिए नए टॉप क्लास मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं। केंद्रीय मंत्री ने इस बारे में जानकारी दी है। ये ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज होंगे। भारत के श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया है कि देश में 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे।
आने वाले वर्षों में मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में बात करते हुए मांडविया ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये 10 अलग-अलग मेडिकल कॉलेज भारत के 10 अलग-अलग शहरों में स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने ये भी कहा कि इससे भारत में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें बढ़ाने में मदद मिलेगी। वो 75000 मेडिकल सीट्स जिनकी घोषणा पीएम मोदी ने 2024 के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान की थी।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज क्या है?
ESIC का फुल फॉर्म है- एंप्लॉई स्टेट इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन। हिन्दी में इसे कर्मचारी राज्य बीमा निगम कहते हैं। ईएसआईसी केंद्र सरकार का बीमा निगम है जो बिहार, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, तमिल नाडु, पश्चिम बंगाल में मेडिकल कॉलेजों का संचालन करता है। अब अलग-अलग राज्यों में जो 10 नए मेडिकल कॉलेज बनेंगे, उनका संचालन भी ईएसआईसी के अधीन ही होगा।
ESIC बेरोजगारी भत्ता स्कीम डेट बढ़ी
इसी के साथ मनसुख मांडविया ने ये भी बताया कि भारत सरकार ESIC सदस्यों के लिए बेरोजगारी भत्ता योजना भी जून 2026 तक बढ़ा रही है। अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना को अगले दो साल के लिए बढ़ा दिया गया है। ये स्कीम अब 30 जून 2026 तक चलेगी। ये फैसले ईएसआईसी का इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल सुविधाएं बेहतर करने के लिए लिए गए हैं।
ईएसआईसी बीमा धारकों के लिए मेडिकल सुविधा
ईएसआईसी को लेकर कई बड़े निर्णयों में से एक कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लाभुकों को चिकित्सा सुविधा देना भी है। इसके लिए पूरे देश में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PMJAY) के साथ ईएसआईसी का प्रोग्राम चलाने की तैयारी है। बताया गया है कि इसके अंतर्गत ईएसआईसी इंश्योरेंस धारकों के लिए पीएमजेएवाई के अस्पतालों में खर्च की कोई सीमा नहीं होगी।