यह सभी कॉलोनियां टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के क्षेत्र में बसी हुई थी। इन कॉलोनियों के वैध होने से लोगों को बिजली-पानी और सड़क समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी और करीब दो लाख लोगों को फायदा होगा। इन कॉलोनियों में स्थित प्लॉटों की रजिस्ट्री हो सकेगी और अपनी प्रॉपर्टी बेचने का अधिकार मिल जाएगा।
इन कॉलोनियों के भीतर विकास कार्यों की देखरेख हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की ओर से की जाएगी। हरियाणा सरकार ने 30 जून तक 433 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का लक्ष्य तैयार किया है, जिसकी शुरुआत शुक्रवार से कर दी
इस बारे में विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार गुप्ता की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। इसके मुताबिक पलवल की पृथला, पलवल, हथीन, होडल खंड में स्थित कॉलोनियां, महेंद्रगढ़ के कनीना, नारनौल, महेंद्रगढ़, अटेली, पंचकूला के बरवाला, रायपुररानी, कालका और पानीपत के इसराना, मतलौडा, समालखा और पानीपत की कॉलोनियां शामिल हैं।
वैद्य हुई कॉलोनियों को निर्धारित विकास शुल्क भी जमा कराना होगा। इसके लिए सरकार ने रेट तय कर रखें हैं। सरकार के नियमों के मुताबिक अविकसित भूमि के लिए कलेक्टर रेट आठ फीसदी होगा, जबकि विकसित भूमि के लिए कलेक्टर दर पांच फीसदी होगा। इसके साथ ही इन आवासीय कॉलोनियों में पहले से बने सभी मकानों की वर्तमान स्थिति को बरकरार रखा जाएगा।