जहरीली शराब प्रकरण में सरकार का बड़ा एक्शन, 12 जोन के 24 शराब ठेके रद्द

lalita soni

0
122
24 liquor contracts of 12 zones canceled in Haryana after poisonous liquor case

हरियाणा सरकार ने जहरीली शराब प्रकरण में कड़ी कार्रवाई की है। गुरुवार को 12 जोन के 24 शराब ठेकों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं। इसमें आधे ठेके शहरी क्षेत्र में थे और आधे ग्रामीण क्षेत्र में।

इसके साथ ही एक एल-13 लाइसेंस भी रद्द किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस प्रकरण से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। अब तक 35 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन पर करीब 2.51 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में यमुनानगर में तीन एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें 19 लोग गिरफ्तार किए गए। वहीं, अंबाला में तीन एफआईआर दर्ज हुई हैं, जिसमें 16 आरोपियों को गिरफ्तार कियागया है। चार आरोपी मांगेराम, अमरनाथ, सुशील कुमार और गौरव कांबोज को डिफॉल्टर घोषित किया गया है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इस मामले की जांच चल रही है। यह पूछे जाने पर कि आबकारी विभाग व पुलिस की पकड़ में यह मामला पहले क्यों नहीं आया तो इसके जवाब में सीएम ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। अगर इस मामले में अफसर भी दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मृतकों के परिजनों को दिए 38 लाख रुपये

जहरीली शराब पीने के कारण मरने वालों के परिवारजनों को आर्थिक सहायता देते हुए 11 लोगों के परिवारजनों के बैंक खातों में 38 लाख रुपये से अधिक की वित्तीय सहायता राशि दी गई। यह सहायता राशि दयालु योजना के तहत निर्धारित विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार दी गई है। इन 11 लाभार्थियों में से चार सदस्यों के परिवारों को पांच लाख रुपये और छह सदस्यों के परिवारों को तीन लाख रुपये की राशि भेजी गई है।

इस दौरान सीएम ने अंत्योदय परिवारों को सामाजिक-वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु) के तहत 1159 लाभार्थियों को 44.48 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में पहुंचाई।

हम ओछी राजनीति नहीं करते

जब सीएम से पूछा गया कि इस मामले में एक कांग्रेस नेता भी पकड़ा गया तो इस पर क्या कहेंगे तो उनका जवाब था कि एक कांग्र्रेसी का मतलब पूरी पार्टी नहीं होती। हम ऐसी ओछी राजनीति नहीं करते। हालांकि सभी राजनीतिक दल को देखना चाहिए कि ऐसे अपराधियों को दल में शामिल न किया जाए।