सरकार का बड़ा फैसला: फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगा गेहूं की खरीद का फायदा

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सरकार का बड़ा फैसला: फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को नहीं मिलेगा गेहूं की खरीद का फायदा

बिहार सरकार की चेतावनी बिहार सरकार ने किसानों को चेतावनी देते हुए कहा है कि फसल अवशेष जलाने वाले किसानों को गेहूं की खरीद के फायदे से वंचित किया जाएगा। यह निर्णय पर्यावरण को बचाने और प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है। सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे पराली जलाने के बजाय इसका उचित प्रबंधन करें।

कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान राज्य सरकार ने साफ किया है कि जो किसान बार-बार फसल अवशेष जलाते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि ऐसे किसानों को डीबीटी (DBT) के तहत मिलने वाले अनुदान से पहले ही वंचित किया जा रहा था, अब उन्हें गेहूं की सरकारी खरीद के लाभ से भी बाहर कर दिया जाएगा।

किसानों को जागरूक करने के निर्देश जिन क्षेत्रों में फसल अवशेष जलाने की शिकायतें सामने आई हैं, वहां के किसान सलाहकारों और कृषि समन्वयकों को गांवों में जाकर किसानों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिला पदाधिकारियों को लगातार निगरानी रखने को कहा गया है। इसके अलावा, कृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के वैज्ञानिकों को किसानों को प्रशिक्षित करने और फसल अवशेष जलाने के कुप्रभावों की जानकारी देने के लिए कहा गया है।

कृषि उपकरणों पर सब्सिडी किसानों को फसल अवशेष जलाने से रोकने के लिए सरकार ने विभिन्न कृषि उपकरणों पर 70 से 80 फीसदी तक अनुदान देने का फैसला किया है। कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत हैप्पी सीडर, रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ बेलर, सुपर सीडर, स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम, जीरो टिलेज, पैडी स्टॉपर आदि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है। इससे किसान फसल अवशेष का सही उपयोग कर सकेंगे और पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा।

सरकार की पहल से होगा लाभ इस निर्णय से किसानों को जागरूक किया जाएगा और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी। सरकार चाहती है कि किसान आधुनिक कृषि उपकरणों का उपयोग करें और पराली जलाने से बचें, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।