कौशल विकास पर सरकार का जोर, 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार देने का लक्ष्य

parmod kumar

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इससे 4.1 करोड़ युवाओं को लाभ मिलेगा। इन योजनाओं के  1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। इन योजनाओं का उद्देश्य कर्मचारियों के साथ-साथ नियोक्ताओं को भी प्रोत्साहित करना है।

सरकार रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री पैकेज के हिस्से के रूप में तीन योजनाएं लागू करेगी। ये ईपीएफओ में नामांकन पर आधारित होंगे। पहली बार नौकरी ज्वॉइन करने वालों को एक महीने का वेतन सरकार देगी।

प्रधानमंत्री पैकेज के तहत चौथी योजना के रूप में कौशल कार्यक्रमों की घोषणा की गई है। इसके तहत 20 लाख युवाओं को कौशल विकास के लिए एक नई योजना के तहत प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कार्यक्रम राज्य सरकारों और उद्योग के सहयोग से संचालित होगा।

सरकार कर्मचारी भविष्य निधि- ईपीएफओ में पंजीकृत हुए पहली बार रोजगार पाने वाले लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से एक महीने का वेतन 15 हजार की तीन किस्तों में देगी और यह अधिकतम होगा। इस योजना से दो वर्ष तक 2.1 करोड़ युवा लाभांवित होंगे।

यह योजना सभी प्रमुख औपचारिक कार्य क्षेत्रों में कामगार के रूप में शामिल होने वाले नए युवाओं पर लागू होगी। इस योजना में शामिल होने के लिए पात्रता सीमा एक लाख रुपये प्रति माह वेतन होगी। रोजगार नियुक्ति होने से 12 महीने की अवधि में समाप्त हो जाता है, तो सब्सिडी की राशि नियोक्ता को लौटानी होगी।

विनिर्माण के क्षेत्र में रोजगार देने और पाने वालों को सरकार इंसेंटिव देगी। कर्मचारी और नियोक्ता दोनों को उनके ईपीएफओ में योगदान के अनुसार, रोजगार के पहले 4 साल में इंसेंटिव दिया जाएगा। यह एक लाख रुपये तक प्रतिमाह वेतन पाने वाले कर्मचारियों पर लागू होगा। इस योजना से हर साल कार्यशक्ति में प्रवेश करने वाले 30 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा।