कच्चे तेल की कीमतों में कमी से पेट्रोलियम कंपनियों के मुनाफे में सुधार हुआ है। इससे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपये प्रति लीटर की कटौती की संभावना बनी है। रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) की मानें तो अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो यह कटौती संभव है।
त्योहारों का मौसम आ गया है और ऐसे में नई कार-बाइक और अन्य वाहनों की बिक्री की रफ्तार भी बढ़ने की पूरी संभावना है। हालांकि, लोगों में यह संशय होता है कि कहीं पेट्रोल-डीजल के दाम ना बढ़ जाएं और उनकी जेब पर ज्यादा बोझ ना पड़े। हालांकि, एक अच्छी खबर आ सकती है और ये ऐसा माना जा रहा है कि फेस्टिवल सीजन में पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती हो सकती है।
दरअसल, कच्चे तेल की कीमतों में हाल के हफ्तों में कमी हुई है और पेट्रोलियम कंपनियों के वाहन ईंधन पर मुनाफे में सुधार हुआ है। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कटौती करने की गुंजाइश मिली है।
रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने यह बात कही है। भारत द्वारा आयातित कच्चे तेल की कीमत सितंबर में औसतन 74 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी, जो मार्च में 83-84 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल थी। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में आखिरी बार दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी।
इक्रा की मानें तो कच्चे तेल की कीमतों में कमी के साथ हाल के हफ्तों में भारतीय पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) के लिए मोटर वाहन ईंधन की खुदरा बिक्री पर विपणन मुनाफे में सुधार हुआ है। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें वर्तमान स्तर पर स्थिर रहीं तो खुदरा ईंधन कीमतों में कमी की गुंजाइश है।
इक्रा के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट और ग्रुपल हेड गिरीश कुमार कदम का कहना है कि इक्रा का अनुमान है कि सितंबर, 2024 (17 सितंबर तक) में अंतरराष्ट्रीय उत्पाद कीमतों की तुलना में ओएमसी की शुद्ध प्राप्ति पेट्रोल के लिए 15 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 12 रुपये प्रति लीटर ज्यादा रही। इन ईंधन के खुदरा बिक्री मूल्य (आरएसपी) मार्च, 2024 से स्थिर हैं (15 मार्च, 2024 को पेट्रोल तथा डीजल के दाम में दो रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई थी) और ऐसा लगता है कि अगर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं तो उनके दो से तीन रुपये प्रति लीटर की कमी करने की गुंजाइश है