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आधुनिक कूड़ा प्रबंधन तकनीक से खाद बनाएगा गुरुकुल

lalita soni

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गुरुकुल कुरुक्षेत्र के नाम अब एक और उपलब्धि जुड़ने वाली है, जो न पर्यावरण को साफ-स्वच्छ रखने में मददगार भी साबित होगी। दरअसल गुरुकुल में न्यूजीलैंड में रहने वाली भारतीय मूल की पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक कार्यकर्ता हेमा मित्तल के सहयोग से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाया गया है, जिसमें गुरुकुल परिसर के कूड़ा-करकट (गाॅर्बेज) से सूखी खाद का निर्माण किया जाएगा। निश्चित रूप से हेमा मित्तल का यह प्रयास पर्यावरण को साफ-स्वच्छ बनाने में मददगार तो ही है साथ ही किसानों के लिए भी लाभकारी है। इस अवसर पर सोनम आर्या भी मौजूद रहे।

रामनिवास आर्य ने बताया कि हेमा मित्तल से उनकी भेंट सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर हुई। बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ा तो न्यूजीलेंड में उनके द्वारा चलाए जा रहे कचरा प्रबंधन और पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के पुनीत उद्देश्य को देखते हुए उन्हें गुरुकुल आने का निमंत्रण दिया जिसके बाद हेमा मित्तल गुरुकुल में पधारीं और यहां आकर लगभग 15 दिनों के लगातार प्रयास से उन्होंने इस प्लांट का निर्माण कराया, साथ ही यहां के कचरा-प्रबंधन हेतु सभी लोगों को प्रेरित किया। अन्त में रामनिवास आर्य ने कूड़ा-निस्तारण प्लांट में सहयोग हेतु हेमा मित्तल का आभार व्यक्त किया। हेमा मित्तल ने बताया कि हम थोड़ी-सी सावधानी रखकर अपने आस-पास के वातावरण को साफ-स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रख सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस प्लांट में दो तरह के डस्टबिन रखे गये हैं, जिसमें एक लोहे की बारीक तारों से गोलाकार शेप में है और दूसरा वाटरप्रूफ बोर्ड से बनाया गया है। अब हमें जो रोजमर्रा का कूड़ा हमारे घरों या संस्थानों से निकलता है, उसमें से सबसे पहले प्लास्टिक वाला कचरा अलग करना है।

प्लास्टिक को छोड़कर जो कचरा बचेगा उसे लोहे वाले डस्टबिन में डालें और उसमें हल्की नमी रखें, 15-20 दिनों में यह बहुत अच्छी खाद बन जाएगी, जिसका उपयोग आप अपने गार्डन या खेतों में कर सकते हैं। आपकी रसाई से जो कचरा निकलता है, जैसे फल-सब्जियों के छिलके आदि उससे आप खाद बना सकते हैं। इसके बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप गुरुकुल में विजिट कर सकते हैं।