Haryana- पराली जलाने पर 331 चालान, आठ लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना, हॉटस्पॉट की विशेष निगरानी

lalita soni

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मुख्य सचिव ने कहा कि सब्सिडी पर किसानों को 19,141 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की स्वीकृति प्रदान की हैं, जबकि पिछले साल 8,071 मशीनें प्रदान की गई थीं। इन मशीनों में सुपर सीडर्स, जीरो टिल उपकरण और स्ट्रॉ बेलिंग यूनिट सहित विभिन्न आवश्यक उपकरण शामिल हैं।

331 challans issued for burning stubble in Haryana

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के प्रबंधन के लिए गठित टास्क फोर्स की बैठक शुक्रवार को प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जुड़े मुख्य सचिव संजीव कौशल ने उन्हें बताया कि हरियाणा में पराली जलाने वाले हॉटस्पॉट की पहचान की गई है। उनकी विशेष निगरानी रखी जा रही है। पराली जलाने पर अब तक 331 चालान और आठ लाख 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है।

मुख्य सचिव ने कहा कि सब्सिडी पर किसानों को 19,141 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों की स्वीकृति प्रदान की हैं, जबकि पिछले साल 8,071 मशीनें प्रदान की गई थीं। इन मशीनों में सुपर सीडर्स, जीरो टिल उपकरण और स्ट्रॉ बेलिंग यूनिट सहित विभिन्न आवश्यक उपकरण शामिल हैं। यह उपकरण फसल अवशेष प्रबंधन प्रक्रिया को और सरल बना रहे हैं। साल 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने की दिशा में हरियाणा सरकार ने पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा को मंजूरी दे दी है।
मुख्य सचिव ने बताया कि प्रभावी कार्यान्वयन के लिए 7,572 सीआरएम मशीनों को भी शामिल किया गया है। गोशालाओं में पराली का चारे के लिए उपयोग करने पर बल दिया जा रहा है। बैठकें आयोजित कर पराली जलाने की घटनाओं पर निगरानी रखने और अंकुश लगाने के लिए उपायुक्तों को सख्त निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि ‘मेरा पानी-मेरी विरासत’ योजना के तहत किसानों को फसल विविधिकरण अपनाने और सीधे धान की फसल की बुआई के लिए 4000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को बेहतर उपकरण प्रदान किए जा रहे है और किसानों को पराली से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा है।