चुनावी सीजन में पंजाब सरकार किसानों को किसी भी सूरत में किसानों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती. उसने गुलाबी सुंडी (Pink Bollworm) से खराब हुई कपास की फसल का मुआवजा बढ़ा दिया है. पहले 12,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा तय किया गया था लेकिन अब इसमें वृद्धि करके इसे 17,000 कर दिया गया है. मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा है कि 75 फीसदी खराब फसल को 100 फीसदी खराब मानकर ऐसे किसानों को 5000 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अतिरिक्त पैसे दिए जाएंगे. कपास बीनने वाले मजदूरों को भी 10 फीसदी मुआवजा दिया जाएगा.
कितना नुकसान
इस साल उत्तरी क्षेत्र स्थित कपास के खेतों में गुलाबी सुंडी का काफी प्रकोप रहा है. पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में गुलाबी सुंडी से काफी नुकसान हुआ है. बताया गया है कि अकेले पंजाब की कपास पट्टी में करीब चार लाख एकड़ क्षेत्रफल में इसका प्रकोप रहा है. जबकि यहां कुल क्षेत्र ही 7.51 लाख एकड़ रहा है.
मानसा और बठिंडा जिलों में फसल काफी खराब हो गई है. इनके कई क्षेत्रों में तो किसानों ने परेशान होकर अपनी खड़ी फसल की जुताई कर दी थी. इसके अलावा संगरूर, मुक्तसर साहिब और बरनाला में भी नुकसान हुआ था. पंजाब सरकार ने गुलाबी सूंडी से खराब हुई फसल का मुआवजा देने के लिए 416 करोड़ रुपये की राहत राशि का एलान किया था. नुकसान की जानकारी लेने के लिए पूरे क्षेत्र में गिरदावरी का आदेश दिया था.
हरियाणा सरकार ने भी बढ़ाया मुआवजा
किसानों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने भी इसी महीने मुआवजा राशि बढ़ा दी थी. क्योंकि फसलों की लागत में काफी वृद्धि हो चुकी है. यहां अब कपास, धान, गेहूं व गन्ने की फसल को 75 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान होने पर किसानों को 12,000 की जगह 15,000 रुपये प्रति एकड़ के रेट पर मुआवजा मिलेगा. अन्य फसलों पर 10,000 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 12,500 रुपये कर दिया गया है.
महाराष्ट्र में कितना मुआवजा
सिर्फ कपास ही नहीं बल्कि दोनों राज्यों में धान की फसल को भी अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ है. मुआवजे में वृद्धि से किसानों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. दूसरी ओर महाराष्ट्र में बाढ़ और बारिश से फसलों को बड़े पैमाने पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए 10,000 करोड़ रुपये के मुआवजे का एलान किया गया है. यहां पर कपास और सोयाबीन की फसल तबाह हो गई है. कपास की फसल के नुकसान पर 10 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवजा मिलेगा.