हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के छठे दिन शून्यकाल में किसानों के मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ। सरकार और विपक्ष बार-बार आपस में टकराए। इस दौरान सीएम मनोहर लाल आक्रामक रुख में रहे। सरकार नेताओं के घेराव और बहिष्कार पर सदन में निंदा प्रस्ताव लाई, जिस पर तर्क-वितर्क हुए। कांग्रेस ने इस प्रस्ताव पर असहमति जताई। स्पीकर ने प्रस्ताव को चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जिसका विरोध करते हुए कांग्रेस विधायक वॉकआउट कर गए। इस पर भाजपा विधायकों ने नारेबाजी की। सीएम ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि अगर वह किसानों को नहीं उकसा रही तो इस प्रस्ताव का समर्थन करे। कुछ कांग्रेस विधायक किसानों को उकसाने में शामिल हैं। इस बात का भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि कोई कांग्रेस विधायक इसमें शामिल नहीं है। सुरक्षा की जिम्मेदारी, कानून व्यवस्था बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। उस पर सरकार ध्यान दे, यह प्रस्ताव लाने की कोई जरूरत नहीं। कांग्रेस विधायक किरण चौधरी, जगबीर मलिक और रघुबीर कादयान ने भी अपनी आपत्ति दर्ज कराई। इसके बावजूद सत्ता पक्ष ने ध्वनि मत से निंदा प्रस्ताव पारित कर दिया। कांग्रेस विधायक वॉकआउट कर गए। इससे पहले भाजपा विधायक असीम गोयल, रघुबीर कादयान के बीच झड़प हुई। कादयान के बार-बार बोलने पर स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने आपत्ति जताई। कादयान फिर भी बोलते रहे। इस पर स्पीकर ने कड़ी टिप्पणियां की। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सदन में अपने बजट भाषण में संशोधन कराया। सीएम ने बजट पढ़ने के दौरान मेडिकल कॉलेज का नाम डॉ. मंगलसेन के नाम पर होगा, यह पढ़ा था। उसे संशोधित करवाया गया। सरकारी कॉलेज का नाम नेकी राम के नाम पर रख दिया है, बजट में मंगलसेन का नाम गलती से लिखा गया। कॉलेज का नाम नेकी राम के नाम पर होगा, सीएम ने इसकी घोषणा 26 जनवरी 2019 को की थी।