केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एमडीयू के टैगोर सभागार में मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ रिमोट से पीएमश्री योजना का शुभारंभ किया। योजना के तहत 124 स्कूलों को अपग्रेड किया गया है। इससे अध्ययन के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
पीएमश्री योजना शुरू करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। योजना के तहत प्रदेश के 124 स्कूलों को अपग्रेड किया गया है। यहां अध्ययन के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। अब प्रदेश के सरकारी स्कूलों का भी मानकीकरण (एक्रेडिटेशन) से संभव होगा। यह बात केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कही। वह बुधवार को एमडीयू के टैगोर सभागार में स्कूलों के मानकीकरण (एक्रेडिटेशन) के लिए तैयार की गई सैच (एसएसीएच) एप लांच करने के साथ पीएमश्री स्कूलों का शुभारंभ कर रहे थे।
उन्हाेंने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों की तरह घर बैठे किसी भी स्कूल की सुविधाओं व अन्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए देश में पहली बार सैच (एसएसीएच) एप लांच की गई है। देश में शिक्षा का स्तर बेहतर बनाने के लिए शिक्षा प्रणाली में आधारभूत बदलाव किया जा रहा है।
पीएमश्री स्कूल इसी का हिस्सा है। यह नई पहल भावी पीढ़ी को बेहतर भविष्य देगी। यहां अध्ययन की बेहतर सुविधाएं मुहैया होंगी। सरकार ने विद्यार्थियों को टैबलेट के जरिए पढ़ाने का भी अच्छा प्रयास किया है।
उन्होंने कहाा कि हरियाणा में शिक्षक की नियुक्ति और तबादला एक उद्योग था। इसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पारदर्शी ऑनलाइन नीति के जरिए देश में मिसाल कायम की है। इन तबादलों के प्रति 90 प्रतिशत लोगों ने संतुष्टि जाहिर की है। यहां शिक्षा विभाग की ओर से टैगोर सभागार में आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
उन्होंने बताया कि समाज की सहभागिता से पीएमश्री स्कूल यानी प्रधान मंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया योजना शुरू की गई है। देश में 34 वर्ष बाद 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है। इसमें कई मौलिक विषयों पर जोर दिया गया है। इसमें बाल रामलीला के जरिए बच्चों को सिखाना व मातृभाषा में शिक्षा देना मुख्य है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी जानना ही शिक्षा नहीं है। अंग्रेजी नहीं जाने वाले ही कृषि कर अनाज पैदा करते हैं। यह ठेठ हरियाणवी बोलते हैं। यही अपनी पैदावार से दूसरे उत्पाद भी तैयार करते हैं। राष्ट्रीय व स्थानीय भाषा में भी अध्ययन कराया जा सकता है।
एशियन गेम्स में हरियाणा ने सबसे अधिक पदक जीते हैं। यह सराहनीय है। विद्यार्थी शिक्षा के साथ स्किल को भी पढ़ाई का हिस्सा बनाएं। सरकार ने भी बेहतर व्यवस्था के लिए एक स्कूल को दो करोड़ रुपये 5 साल के लिए दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में हरियाणा राष्ट्रीय मॉडल बनेगा।
शिक्षा के बिना मनुष्य अपूर्ण : मुख्यमंत्री
सीएम ने कहा कि शिक्षा एक ऐसा विषय है, जिसके बिना मनुष्य अपूर्ण है। शिक्षा ही नई चीजें लाती हैं। इसी से अच्छा नागरिक बनता है। इसमें अच्छे संस्कार, गुण, व्यवहार, संस्कृति भी समाहित होती है। इनके प्रति लगवा जरूरी है। शिक्षा रोजगार परक हों, सरकार ने ऐसे प्रावधान किए हैं। बच्चों के लिए प्ले वे स्कूलों को बाल वाटिका बनाया गया है। यहां बच्चे खेल-खेल में पढ़ना सीखेंगे।
प्रदेश में रोजगारपरक शिक्षा की हुई शुरुआत: शिक्षा मंत्री
प्रदेश के शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने मॉडल संस्कृति स्कूलों की संख्या 22 से बढ़ाकर 147 कर दी है। केंद्र सरकार ने प्रथम चरण में पीएम श्री के 124 स्कूलों के लिए 85 करोड़ रुपए प्रदान किए हैं। दूसरे चरण के 128 पीएम श्री स्कूलों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
सीएम के माइक संभालते ही गूंजे नारे
सीएम के भाषण से पहले उनके माइक संभालते ही सभागार विद्यार्थियों की नारेबाजी से गूंज उठा। छात्राओं के लिए गांव से बस सेवा चलाने व अन्य मांगों को लेकर विद्यार्थियों ने जोरदार नारेबाजी की। इन्हें बाद में पुलिस ने सभागार से बाहर कर दिया।
यह रहे मौजूद
इस मौके पर लोकसभा सांसद डॉ. अरविंद शर्मा, राज्यसभा सांसद डीपी वत्स, रामचंद्र जांगड़ा, पूर्व मंत्री मनीष कुमार ग्रोवर, मेयर मनमोहन गोयल, हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन डीपी यादव, राजकुमार कपूर, गजेंद्र फौगाट, रणबीर ढाका, कुलपति प्रो. राजबीर सिंह, सुपवा के वीसी डॉ. गजेंद्र चौहान, अतिरिक्त सचिव विपिन कुमार, उप-सचिव राहुल पचौरी, सुधीर राजपाल, मौलिक शिक्षा निदेशक डॉ. आरएस ढिल्लो, मंडलायुक्त संजीव कुमार वर्मा, उपायुक्त अजय कुमार, एसपी हिमांशु गर्ग आदि उपस्थित रहे।