हरियाणा बना मधुमक्खी पालन नीति बनाने वाला पहला राज्य, 2030 तक 15,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन का लक्ष्य
हरियाणा बना मधुमक्खी पालन नीति बनाने वाला पहला राज्य, 2030 तक 15,500 मीट्रिक टन शहद उत्पादन का लक्ष्य
हरियाणा सरकार किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र में नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दे रही है। राज्य के कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने जानकारी दी कि प्रदेश में मधुमक्खी पालन की गतिविधियों, जैसे- शहद उत्पादन, पोलन निष्कर्षण और गुणवत्ता मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस नीति के तहत मधुमक्खी पालकों को विशेष सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
हरियाणा में मधुमक्खी पालन नीति का गठन
हरियाणा मधुमक्खी पालन नीति (2021) बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन को बढ़ावा देना और प्रदेश में मधुमक्खी पालन को संगठित तरीके से विकसित करना है।
राज्य सरकार ने 2030 तक शहद उत्पादन को 15,500 मीट्रिक टन तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। वर्तमान में प्रदेश में 4,500 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन हो रहा है, जिसे अगले 10 वर्षों में तीन गुना तक बढ़ाने की योजना है।
मधुमक्खी पालकों को सब्सिडी और अन्य लाभ
हरियाणा सरकार मधुमक्खी पालकों को आर्थिक सहायता और तकनीकी प्रशिक्षण उपलब्ध करा रही है। कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कुरुक्षेत्र जिले में “एकीकृत मधुमक्खी पालन विकास केंद्र, रामनगर” स्थापित किया है, जहां मधुमक्खी पालकों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
इसके अतिरिक्त, मधुमक्खी पालकों को उपकरण खरीदने पर विशेष रियायतें दी जा रही हैं। सरकार द्वारा मधुमक्खी पालन के लिए बक्से खरीदने पर 85 प्रतिशत और अन्य उपकरणों पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है।
पिछले 5 वर्षों में वितरित किए गए 56 हजार से अधिक बक्से
सरकार द्वारा वर्ष 2019-20 से 2023-24 के बीच मधुमक्खी पालकों को कुल 56,610 बक्से उपलब्ध कराए गए हैं। कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता दे रही है और उनके कल्याण के लिए कई योजनाएं चला रही है।
हरियाणा सरकार की यह नीति न केवल राज्य के किसानों को अतिरिक्त आय के साधन उपलब्ध कराएगी, बल्कि देश के शहद उत्पादन में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।