हरियाणा: किसानों के काले झंडे, विरोध और हंगामा देख कार्यक्रम छोड़ पिछले गेट से निकले BJP सांसद

Parmod Kumar

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चरखी दादरी जिले की 6 परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे बीजेपी सांसद धर्मबीर सिंह को खाप और किसान संगठनों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा. विरोध, हंगामें के चलते सांसद को कार्यक्रम बीच में छोडक़र पिछले गेट से निकलना पड़ा.

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से चरखी दादरी जिले की करीब 26 करोड़ की 6 परियोजनाओं के शिलान्यास के मौके पर आज बीजेपी सांसद को किसानों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा. सांसद धर्मबीर सिंह (Dharambir Singh) सीएम की ओर से परियोजनाओं का शिलान्यास करने पहुंचे थे.  सांसद के कार्यक्रम में पहुंचने की सूचना पर खाप व किसान संगठनों (Kisan Unions) के नेता व अन्य लोग लघु सचिवालय पहुंच गए और वहां काले झंडों के साथ प्रदर्शन किया. किसानों के विरोध को देखते हुए सांसद को कार्यक्रम बीच में ही छोड़ना पड़ा. किसानों का आक्रोश देख सांसद पिछले गेट से बाहर निकल गए. हालांकि लघु सचिवालय के चारों तरफ सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध भी किए गए थे. मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की वर्चुअल उपस्थिति में दादरी लघु सचिवालय परिसर में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह ने दादरी जिले की 6 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया. करीब 26 करोड़ लागत की इन परियोजनाओं से दादरी जिले के विकास को नई गति मिलेगी. आयोजित समारोह मे सांसद ने लोक निर्माण विभाग के नए विश्रामगृह, निर्वाचन विभाग के ईवीएम स्टोर, गांव सारंगपुर से छपार तक लिंक रोड, कादमा में तीन बेज बस स्टैंड, गांव छपार से रामपुरा व गांव कारीधारणी से भांडवा तक सडक़ का शिलान्यास किया. साथ ही कहा कि कोरोना का असर फिर से बढ़ रहा है. ऐसे में आमजन को एडवाइजरी का पालन करना चाहिए. सांसद के कार्यक्रम की सूचना पर फौगाट खाप प्रधान बलवंत नंबरदार व किसान नेता राजू मान की अगुवाई में किसान लघु सचिवालय पहुंचे और काले झंडों के साथ सांसद धर्मबीर सिंह का विरोध किया. किसानों के विरोध को देखते हुए लघु सचिवालय के चारों तरफ भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. बावजूद इसके किसान लघु सचिवालय के अंदर प्रवेश कर गए और प्रदर्शन करते हुए सांसद के कार्यक्रम का विरोध किया. किसानों के विरोध को देखते हुए सांसद को कार्यक्रम बीच में छोडक़र पिछले गेट से निकलना पड़ा. किसानों ने कहा कि भाजपा-जजपा नेताओं का बहिष्कार किया गया है. कृषि कानूनों के खिलाफ उनकी लड़ाई जारी रहेगी.