हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करनाल जिला के तरावड़ी में किसान समृद्धि शिविर और करीब साढ़े 5 करोड़ रुपये की लागत से तैयार एकीकृत पैक हाऊस एवं फसल समूह केन्द्र का उद्घाटन किया. इसमें किसानों द्वारा उत्पादित टमाटर, करेला, घीया व भिंडी और अन्य सब्जियां लम्बे तक स्टोर की जा सकेंगी जिसे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल सकेगा. मुख्यमंत्री ने एकीकृत पैक हाऊस का निर्माण करने वाले एफ.पी.ओ. व किसान भाईयों को बधाई दी. इस दौरान कृषि मंत्री जे.पी. दलाल भी मौजूद रहे.
उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के मकसद से कृषि विविधीकरण और किसानों को प्रोत्साहित करने में यह पैक हाऊस महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. प्रदेश का यह 7वां पैक हाऊस है जिसके लिए सरकार ने साढ़े 5 करोड़ रुपये का ऋण दिया है जिस पर लगभग 4 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिल जाएगी. हरियाणा सरकार द्वारा छोटे किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए भी इस प्रकार के ऋण दिए जा रहे हैं जिन पर भारी सब्सिडी दी जाती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस प्रकार के 50 और पैक हाऊस एवं फसल समूह केन्द्रों की स्थापना की जाएगी जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. राज्य के किसानों को इस तरह के पैक हाउस बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए 70 से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाती है जिससे उन्हें और अधिक सशक्त होने में सहायता मिलती है.
किसानों की बढ़ेगी आमदनी, श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पैक हाउस में सब्जियों की धुलाई, छंटाई, सफाई, पैकिंग तथा कोल्ड स्टोरेज की सुविधा है जिससे सब्जियां लंबे समय तक सुरक्षित रह सकती हैं. इससे किसानों के साथ-साथ खेतों में काम करने वाले मजदूरों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. तरावड़ी के इस पैक हाउस के निर्माण से 272 किसानों के समूह ‘‘किसान उत्पाद संघ’’ द्वारा करीब 600-700 एकड़ में उगाई जाने वाली सब्जियों की स्टोरेज में सहायता मिलेगी.
जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किए जा रहे किसान
गौरतलब है कि इससे पहले किसानों की समृद्धि के लिए कृषि और सम्बंधित विभागों की ओर से किसान समृद्धि शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इसे लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि प्रदेश के किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. कृषि जोखिम प्रबंधन प्रणाली को मजबूत किया जा रहा है. कृषि क्षेत्र में फल, सब्जियां, डेयरी और मछली पालन जैसे उत्पादन के मामलों में तेजी से प्रगति देखी गई है. प्रगतिशील किसानों की इस उपलब्धि से देश के अन्य राज्यों के किसानों को इस दिशा में कार्य करने की प्रेरणा मिल रही है.