हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सरकारी कर्मचारियों की ऑफिसों में निगरानी को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सीएम खट्टर ने घोषणा की कि जल्द ही सरकारी कर्मचारियों के बीच जीपीएस से लैस स्मार्टवॉच बांटी जाएगी ताकि उनके सही समय के स्थान को ट्रैक किया जा सके। इसके साथ ही कर्मचारी की अटेंडेंस दर्ज की जा सके। सीएम ने कहा कि स्मार्ट वॉच से पिछले रोस्टर और बाद के बायोमेट्रिक सिस्टम से कमियों को दूर करके में मदद मिलेगी। वहीं पंचकुला नगर निगम और चंडीगढ़ प्रशासन में जीपीएस लैस निगरानी को लेकर विरोध शुरू हो गया है। विरोध कर रहे श्रमिकों ने दावा किया है कि यह उनकी गोपनीयता का उल्लंघन करता है।
शनिवार को सोहना में एक रैली को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि नए सिस्टम से ऑफिस में कर्मचारी की पारदर्शिता और जवाबदेही तय होगी। साथ ही इससे गलत अटेंडेंस लगाने का काम बंद होगा। 2014 से पहले एक रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करने की मैनुअल प्रणाली का जिक्र करते हुए खट्टर ने कहा कि पहले एक कर्मचारी एक सप्ताह के बकार्यालय आता था और सप्ताह में सभी दिनों का अटेंडेंस टिक मार्क लगा देता था। सरकार के गठन के बाद हमने अनुशासन लाने और सरकाी कर्मचारियों की उपस्थिति को नियमित करने के लिए बायोमेट्रिक प्रणाली की शुरुआत की। हालांकि, बॉयोमीट्रिक प्रणाली के लागू होने के बाद कुछ लोगों ने इसमें भी हेरफेर करने के तरीके खोजे।
सीएम ने कहा कि कुछ ने नकली उंगलियों के निशान (रबर का उपयोग करके) बनाए और किसी अन्य व्यक्ति को उनकी अनुपस्थिति में उनकी उपस्थिति में अटेंडेंस लगा दिया। सीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बायोमेट्रिक सिस्टम को आखिरकार हटा दिया गया था क्योंकि इससे वायरस फैलने का खतरा था। खट्टर ने कहा कि मैंने अपनी टीम से इस दोहरी समस्या का समाधान खोजने के लिए कहा और … स्मार्ट वॉच में इसका समाधान मिला। स्मार्ट वॉच अधिकृत व्यक्ति के हाथों में काम करेगी। यह कर्मचारियों के वास्तविक समय के स्थान को सेंट्रल कंट्रोल रूम को भेजेगा और उनकी अटेंडेंस दर्ज की जाएगी।