हरियाणा सरकार ने अनैतिक काम के लिए आमतौर पर प्रयोग किए जाने वाले ‘गोरख धंधा’ शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यह निर्णय गोरखनाथ समुदाय के एक प्रतिनिधिमंडल की उनसे मुलाकात करने के बाद लिया है. प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था. समाज के लोगों ने कहा इस शब्द के नकारात्मक अर्थ निकालने से संत गोरखनाथ के अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरु गोरखनाथ एक संत थे और किसी भी राजभाषा, भाषण या किसी भी संदर्भ में इस शब्द का प्रयोग उनके अनुयायियों की भावनाओं को आहत करता है. इसलिए किसी भी संदर्भ में इस शब्द का उपयोग राज्य में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. सीएम ने कहा कि प्रदेश में गुरु गोरखनाथ के अनेक अनुयायी हैं. उनकी भावनाएं इस शब्द के इस्तेमाल से आहत नहीं होने देंगे. सरकार का कार्य हर वर्ग की भावनाओं की कद्र करना है. प्रदेश में जब भी किसी समुदाय ने किसी नाम या शब्द को लेकर आपत्ति जताई है, उसे सरकार ने या तो बदला है या उसके उपयोग पर पाबंदी लगाई है.
गोरखनाथ थे एक संत
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि गोरखनाथ एक संत थे. इस शब्द को किसी भी आधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल करने या संबोधन में इस्तेमाल से संत गोरखनाथ के शिष्यों की भावनाएं आहत होती हैं. इसलिए किसी भी तौर पर इस शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है. बता दें कि गोरखनाथ एक संत थे और उनके नाम पर एक मंदिर सोनीपथ से करीब 20 किलोमीटर दूर गोर्ड गांव में बना हुआ है.