हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ऑटो अपील सॉफ्टवेयर लॉन्च किया, जानिए ये सॉफ्टवेयर कैसे काम करता है।

Parmod Kumar

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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राजधानी चंडीगढ़ में आज ‘हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग’ का ऑटो अपील सॉफ्टवेयर (AAS) लॉन्च किया। लॉन्चिंग करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि, हमारी सरकार का ये बहुत क्रांतिकारी कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा, “अब आमजन को अधिकारियों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इस व्यवस्था के तहत टाइम पीरियड के अंदर नोडल अधिकारी सेवा देगा, अगर नहीं देगा तो वो ज़िम्मेदार होगा। अब सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाए।” अब कोई अधिकारी फाइल को नहीं रोक सकेगा हरियाणा जनसंपर्क एवं सूचना विभाग के एक अ​धिकारी ने बताया कि, “ऑटो अपील” नाम का सॉफ्टवेयर बहुत काम का है। इसके रहते अब कोई अधिकारी फाइल को नहीं रोक सकेगा। जनता से जुड़े किसी काम की फाइल अधिकारी ने यदि तय समय में नहीं निपटाई तो वह स्वत: सीनियर अधिकारी के पास चली जाएगी और वहां भी काम नहीं हुआ तो फाइल राइट-टू सर्विस कमीशन के पास पहुंच जाएगी। इतना ही नहीं, अगर कोई अधिकारी व कर्मचारी फाइल रोकता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। 3 बार जुर्माना लगा तो नौकरी भी जा सकती है। उन्होंने कहा कि, इस तरह यह ऑटो अपील नाम का सॉफ्टवेयर, आमजन के लिए बहुत बढ़िया साधन आया है।

लाल डोरा की प्रथा को खत्म किया जाएगा मुख्यमंत्री ​के निर्देश पर हरियाणा में गांवों के लाल डोरे की ड्रोन के माध्यम से की जा रही मैपिंग का काम पूरा हुआ है। इस बारे में सरकार के विभाग ने जानकारी दी कि, अब राजस्व संपदा (कृषि भूमि )की मैपिंग का कार्य सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा शुरू किया जा रहा है, जिसे अगले 6 महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। हरियाणा के वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने जिला उपायुक्तों के साथ बातचीत के बाद कहा कि भारत सरकार ने राजस्व संपदा (कृषि भूमि )की मैपिंग का कार्य सर्वे ऑफ़ इंडिया के माध्यम से करवाने की मंज़ूरी प्रदान की है तथा राज्य सरकार द्वारा इस कार्य के लिए आने वाले खर्च को वहन किया जाएगा। संजीव कौशल ने कहा कि, हरियाणा में ब्रिटिश काल से वर्ष 1908 से चली आ रही लाल डोरा की प्रथा को खत्म करने की कवायद शुरू की गई है और इसके तहत 24 अगस्त तक राज्य के 22 जिलों के लगभग 6329 गांवों के लाल डोरे की मैपिंग का काम पूरा कर लिया गया है, जिसमें से 5333 गांवों का डाटा प्रोसेसिंग सर्वे ऑफ़ इंडिया द्वारा किया जा चुका है।

इंदौर-दुबई के लिए डायरेक्ट फ्लाइट 17 महीने बाद फिर शुरू हुई, जानिए टाइमिंग हरियाणा के वित्तायुक्त, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल आगे बोले कि, स्वामित्व योजना के तहत 1990 गांवों में 1,63,262 संपत्तियों का पंजीकरण किया गया है और 1963 गांवों में 1,59,041 संपत्ति कार्ड वितरित किए गए हैं। गांवों में विशेष अभियान चलाकर और शिविर लगाकर पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। संजीव ने बताया कि कुल परियोजना परिव्यय 150 करोड़ रुपये का है। उन्होंने बताया कि टाइटल डीड का पंजीकरण और वितरण का कार्य भी इसमें शामिल है और 31 अक्टूबर, 2021 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, लाल-डोरा मुक्त होने से गांव की संपत्ति को विशेष पहचान मिलेगी तथा अचल संपत्ति पर बैंक द्वारा लोन भी मंजूर किया जायेगा और ग्रामीणों को अपनी संपत्ति बेचने और खरीदने का मालिकाना हक भी मिला है, जिससे स्वामित्व से संबंधित मामले भी थमे हैं।