हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि, नमाज को ताकत दिखाने का जरिया नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ अदा करना अनुचित है। नमाज़…नमाज़ रहनी चाहिए न कि ताकत का प्रदर्शन।” खट्टर ने यह भी कहा कि सभी लोग पूजा करने और प्रार्थना करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यह निर्दिष्ट स्थानों पर होना चाहिए। और अगर इस पर कोई मतभेद हैं, तो विभिन्न धर्मों के लोग मध्यस्थता के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।
नमाज को लेकर बोले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर गुरुवार को राज्य के पटौदी में हुए क्रिसमस समारोह विवाद पर बोल रहे थे। वहीं, उनसे जब क्रिसमस समारोह में कथित तौर पर कुछ दक्षिणपंथी युवाओं द्वारा बाधा डालने पर सवाल किए गए तो खट्टर ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसी घटनाओं का समर्थन करने का कोई कारण नहीं है। ऐसे किसी भी समारोह को बाधित करना सही नहीं है।” पटौदी की घटना के बारे में बोलते खट्टर ने नमाज को लेकर भी बयान दिया। उनका उपरोक्त बयान ऐसे समय आया, जब कुछ हिंदू समूहों द्वारा गुड़गांव में कुछ सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिम अनुयायियों की नमाज को रोका जा रहा है।
कोई मतभेद हैं, तो विभिन्न धर्मों के लोग बात करें
यहां भारतीय महिला प्रेस कॉर्प के सदस्यों के साथ बातचीत करते हुए, खट्टर ने कहा, “सबको अपनी प्रार्थना करने का हक है। हालांकि, ऐसा निर्दिष्ट स्थानों पर ही होना चाहिए। सार्वजनिक स्थानों पर नमाज़ अदा करना भी अनुचित है। नमाज़ नमाज़ रहनी चाहिए न कि ताकत का प्रदर्शन।” उन्होंने यह भी कहा कि सभी लोग पूजा करने और प्रार्थना करने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन यह निर्दिष्ट स्थानों पर होना चाहिए..और अगर इस पर कोई मतभेद हैं, तो विभिन्न धर्मों के लोग मध्यस्थता के लिए स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर सकते हैं।”