हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की केंद्र से अपील-एनसीआर के बजाय जिलों के मुताबिक पर्यावरण नियम ​लागू हों

Parmod Kumar

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प्रदूषण नियंत्रण प्रावधानों को पूरे एनसीआर के बजाय जिलों के अनुसार लागू कराएं। यह अपील हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव से की है। मनोहर लाल गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक से जुड़े थे। सीएम के अनुसार इन प्रावधानों को लागू करने में कभी-कभी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

मनोहर ने कहा कि वर्तमान में हरियाणा का लगभग 47 प्रतिशत क्षेत्र (14 जिले) एनसीआर में आ रहा है। इसलिए ऐसे सभी प्रावधानों को पूरे एनसीआर के बजाय एनसीटी और दिल्ली के 10 किलोमीटर के दायरे या 10 लाख आबादी वाले शहरों के 10 किलोमीटर के दायरे या जिलों के अनुसार लागू किया जाना चाहिए। बैठक के दौरान भूपेंद्र यादव ने सर्दियों के मौसम से पहले एनसीआर में वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कार्य योजना के कार्यान्वयन पर चर्चा की।

फॉर्मलडिहाईड इंडस्ट्रीज को फिर से खोलना चाहिए
यादव ने कहा कि हरियाणा सरकार का एक लाख एकड़ क्षेत्र में बायो-डीकंपोजर तकनीक का उपयोग महत्वपूर्ण कदम है। मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से यमुनानगर में फॉर्मलडिहाईड उद्योग को फिर से खोलने का आग्रह किया। मनोहर लाल ने कहा कि कुछ आपत्तियों के कारण इन उद्योगों को बंद कर दिया गया था, बाद में इनके पुन: संचालन के लिए पंजीकरण शुरू किया, परंतु दोबारा अदालत के आदेशों के कारण यह इकाइयां बंद पड़ी हैं। साथ ही राज्य में जहां अभी सीएनजी और पीएनजी पाइपलाइन नहीं है, उन क्षेत्रों में राज्य और केंद्र सरकार द्वारा पाइपलाइन बिछाने के काम में तेजी लाने की अपील मनोहर ने की।

पिछले साल के बजाय 10.7 प्रतिशत कम बोया गया धान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में धान का कुल क्षेत्रफल 34.10 लाख एकड़ (57 प्रतिशत बासमती और 43 प्रतिशत गैर-बासमती) है। राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले वर्ष की तुलना में धान के क्षेत्र में 10.7 प्रतिशत तक की कमी आई है। सीएम ने कहा कि पराली जलाने पर रोकथाम के लिए हरियाणा के पास विस्तृत योजना है। गांवों को विभिन्न जोन जैसे लाल (रेड), पीले (येलो) और हरे (ग्रीन) में वर्गीकृत किया है। साथ ही फसल अवशेष प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों पर सहायता देने को 198.53 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई है। हरसेक के माध्यम से 15 सितंबर से निगरानी शुरू कर दी गई है। अभी तक पराली जलाने का एक भी मामला नहीं आया है।

धान अवशेष प्रबंधन के लिए बायोमास पावर परियोजनाएं स्थापित
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य ने 64.3 मेगावाट की बायोमास पावर परियोजनाओं की स्थापना की गई है। इसके अलावा एक कंप्रेस्ड बायो गैस प्लांट संयंत्र, जिसकी 12.5 टन प्रति दिन की क्षमता है, यह लगने के बाद 40,000 मीट्रिक टन पराली का उपयोग करेगा। इथेनॉल उत्पादन पर एक परियोजना भी स्थापित की जा रही है, जिसमें 100 केएलपीडी की उत्पादन और 2 लाख मीट्रिक टन धान के भूसे के उपयोग की क्षमता है।

जिगजैग प्रौद्योगिकी के बिना ईंट भट्ठे नहीं चल सकेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 3228 ईंट भट्ठों में से 2137 एनसीआर में हैं और 1762 को जिगजैग प्रौद्योगिकी में परिवर्तित किया गया है। यदि कोई ईंट भट्ठा परिवर्तित नहीं होता है तो उसे संचालित करने की अनुमति नहीं है। बोर्ड ने नई पायरोलिसिस इकाइयों की स्थापना पर प्रतिबंध लगा दिया है। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 24 घंटे वायु प्रदूषण संबंधी शिकायतों के निवारण के लिए गुरुग्राम में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है।