Haryana Crime: बेटा चाहिए तो 2 लाख का इंतजाम करो… 9वीं के छात्र ने रची खुद के अपहरण की साजिश, फोन कर परिवार से मांगी फिरौती

parmodkumar

0
2

करनाल: हरियाणा के करनाल जिले के घीड़ गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां नौवीं कक्षा में पढ़ने वाले एक छात्र ने खुद के अपहरण की झूठी साजिश रच दी। इस फर्जी कहानी ने न सिर्फ परिवार को गहरे तनाव में डाल दिया, बल्कि कुछ घंटों के लिए पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। छात्र ने शाम के समय किसी दूसरे व्यक्ति का मोबाइल फोन लेकर अपने पिता को कॉल किया और दो लाख रुपये की फिरौती की मांग भी कर डाली। यह मामला तब सामने आया जब बुधवार सुबह बच्चा घर से स्कूल जाने के लिए निकला था। दोपहर को जब वह खाना खाने घर नहीं लौटा तो परिजनों को चिंता हुई। इसी बीच स्कूल से अध्यापकों ने परिवार को सूचित किया कि बच्चा पिछले करीब 15 दिनों से स्कूल आ ही नहीं रहा था। यह सुनकर परिवार और ज्यादा परेशान हो गया और उन्होंने बच्चे की तलाश शुरू कर दी, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।

मंदिर में करवाई घोषणा
दोपहर बाद जब स्कूल की छुट्टी के समय भी बच्चा घर नहीं पहुंचा, तो परिजनों ने आसपास के इलाकों में खोजबीन तेज कर दी। गांव के मंदिर में भी बच्चे के गुम होने की घोषणा करवाई गई, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मदद कर सकें। इसी दौरान शाम करीब छह बजे एक अज्ञात नंबर से बच्चे के पिता के पास कॉल आई। फोन करने वाले ने कहा कि लड़का उनके पास है और अगर उसे सुरक्षित वापस चाहिए तो दो लाख रुपये तैयार रखें। इसके बाद कॉल काट दी गई। इस कॉल के बाद परिवार को यकीन हो गया कि बच्चे का अपहरण हो चुका है।

खुद फोन कर मांगी फिरौती
घटना की सूचना तुरंत कुंजपुरा थाना पुलिस को दी गई। पुलिस ने गंभीरता से मामला लेते हुए गुमशुदगी की प्राथमिकी दर्ज की और बच्चे की तलाश शुरू कर दी। साइबर सेल की मदद से पुलिस ने कॉल की लोकेशन ट्रेस की और कुछ ही घंटों में करनाल के आसपास के क्षेत्र से बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। जब पुलिस ने बच्चे से पूछताछ की, तो पूरा मामला सामने आ गया। थाना कुंजपुरा के प्रभारी विक्रांत ने बताया कि बच्चा किसी और का मोबाइल फोन मांगकर अपने पिता को कॉल की थी और खुद ही फिरौती की मांग कर रहा था। जांच में यह भी पता चला कि बच्चा अकेला ही घर से गया था और उसका किसी अपहरणकर्ता से कोई लेना-देना नहीं था।

छात्र ने बताया क्यों किया ऐसा
पुलिस पूछताछ में छात्र ने स्वीकार किया कि वह पिछले 15 दिनों से स्कूल नहीं जा रहा था और उसे डर था कि यह बात घर वालों को पता चल गई तो वह डांट या सजा का सामना करेगा। इसी डर से उसने खुद के अपहरण की झूठी कहानी रच दी, ताकि कुछ समय के लिए घर न लौटना पड़े और मामला किसी और दिशा में चला जाए। फिलहाल बच्चा सुरक्षित रूप से अपने घर लौट चुका है। परिवार ने पुलिस का आभार जताया है, हालांकि वे इस पूरे मामले पर ज्यादा कुछ कहने से बच रहे हैं। पुलिस ने भी बच्चे को समझा कर उसके परिजनों के हवाले कर दिया है।