Haryana:आईपीएस वाई पूरण कुमार की आत्महत्या पर उच्च स्तरीय जांच की मांग,जींद में खाप पंचायतों की बैठक

parmodkumar

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हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की कथित आत्महत्या को लेकर समाज में व्याप्त असंतोष के बीच जींद की जाट धर्मशाला में खाप पंचायतों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता फुल सिंह मोर और ढांडा खाप के प्रधान देवव्रत ढांडा ने की। इस बैठक में 36 बिरादरी के प्रतिनिधियों, खाप पंचायतों, व्यापारी संगठनों, छात्र संगठनों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य इस दुखद घटना की निष्पक्ष जांच की मांग करना था, ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके और समाज में शांति बनी रहे।

बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने कहा कि आईपीएस वाई पूरण कुमार, जो रोहतक के पूर्व आईजी रह चुके हैं कि आत्महत्या एक अत्यंत दुखद घटना है। इस घटना से पूरा समाज आहत है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए, जिसमें हर पहलू की गहन पड़ताल हो। यदि कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए, लेकिन किसी निर्दोष को बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए। प्रतिनिधियों ने जोर दिया कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए और किसी व्यक्ति विशेष को अनावश्यक रूप से निशाना नहीं बनाया जाए।

बैठक में यह भी चर्चा हुई कि कुछ शरारती तत्व इस मामले को जातिगत रंग देकर समाज में फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे असामाजिक तत्वों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई, ताकि समाज में भाईचारा और शांति कायम रहे। प्रतिनिधियों ने कहा कि इस तरह के प्रयास समाज के ताने-बाने को कमजोर करते हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।

पंचायत ने अपनी मांगों को एक प्रस्ताव के रूप में पारित किया, जिसमें महामहिम राज्यपाल और हरियाणा सरकार से अपील की गई है कि वे इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करें और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करें। प्रस्ताव में कहा गया है कि 36 बिरादरी की यह पंचायत समाज और न्याय के हित में कार्य कर रही है, और उम्मीद है कि उनकी मांगों को गंभीरता से लिया जाएगा।

बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि सभी संगठन एकजुट हैं और समाज की एकता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस घटना ने हरियाणा पुलिस विभाग में आंतरिक मुद्दों पर भी सवाल खड़े किए हैं, जहां पूरण कुमार ने अपनी अंतिम नोट में कई वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। समाज के विभिन्न वर्गों ने इस बैठक का समर्थन किया है, और उम्मीद है कि सरकार जल्द ही कार्रवाई करेगी।