कैथल में अब तक पराली जलाने के 106 मामले आ चुके हैं। शुक्रवार को भी विभाग को छह और पराली जलाने की लोकेशन मिली है। हालांकि अभी तक एक भी किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है।
कैथल में लगातार खेतों में पराली में लगाई जा रही आग के मामले आने के बाद फिर से वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। वायु प्रदूषण की मार का असर है कि शुक्रवार को एक्यूआई का आंकड़ा 300 के पार पहुंचकर 311 दर्ज किया गया। ऐसे में जिला नागरिक अस्पताल में सांस के साथ आंखों के मरीजों की ओपीडी बढ़ गई है। चिकित्सकों ने सांस के मरीजों को इस मौसम में बाहर न निकलने की सलाह दी है।
उधर, शुक्रवार को पराली जलाने के छह नए मामले सामने आए हैं। अब पूरे जिले में पराली जलाने के 106 मामले हो चुके हैं। अब तक दो लाख रुपये का जुर्माना भी किसानों पर लगाया जा चुका है।
अधिकारी के अनुसार
वायु प्रदूषण के बढ़ रहे स्तर को देखते हुए नेत्र रोग व सांस के लिए फिजिशियन को अलर्ट मोड पर रहने के आदेश जारी किए गए हैं। इन दोनों की ओपीडी में विशेष व्यवस्था बनाई गई है। अस्पताल में आ रहे मरीजों को भी इस मौसम में बचाव के तरीके बताएं जा रहे हैं। -डॉ. सचिन मांडले, प्रधान चिकित्सा अधिकारी, कैथल।
वहीं, कृषि विभाग के सहायक कृषि अभियंता जगदीश मलिक ने बताया कि जिले में अब तक पराली जलाने के 106 मामले आ चुके हैं। शुक्रवार को भी विभाग को छह और पराली जलाने की लोकेशन मिली है। हालांकि अभी तक एक भी किसान के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई है। किसानों को पराली न जलाने के लिए लगातार जागरूक किया जा रहा है। अब तक जिले में दो लाख रुपये का जुर्माना भी किसानों पर लगाया जा चुका है।
शुक्रवार को यूं बढ़ा वायु प्रदूषण का स्तर
समय वायु प्रदूषण
सुबह छह बजे 294
सुबह सात बजे 297
सुबह नौ बजे 303
सुबह 10 बजे 306
सुबह 11 बजे 307
दोपहर 12 बजे 309
दोपहर एक बजे 310
अपराह्न तीन बजे 311