Haryana Election: बांगर बेल्ट में घटा मतदान, किसान आंदोलन से प्रभावित बांगड़ में एक फीसदी बढ़ा; मेवात सबसे आगे !

parmodkumar

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में बांगर बेल्ट में मतदान घट गया है। किसान आंदोलन से प्रभावित बांगड़ में एक फीसदी वोटिंग बढ़ी है। दिग्गज अपने गढ़ों में भी मतदान बढाने में कामयाब नहीं हुए। मेवात में अधिक मतदान रहा।

हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रदेश की अलग-अलग छह बेल्टों में मतदाताओं का रुझान अलग-अलग रहा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के गढ़ जीटी बेल्ट और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ देशवाली बेल्ट में मतदान घटा है। हालांकि, यह गिरावट काफी कम है।

किसान आंदोलन का गढ़ रही बागड़ी बेल्ट में मत प्रतिशत बढ़ा है। यहां 2019 के चुनाव के मुकाबले 1.05 प्रतिशत अधिक मतदान दर्ज किया गया है। हालांकि, मौजूदा स्थिति में यहां पर पिछले दस साल से भाजपा मजबूत रही है। पुराने समय में यह क्षेत्र इनेलो का गढ़ रहा है।

किसान आंदोलन के चलते यहां कांग्रेस को कई सीटें मिलने की आस है। इनके साथ ही मेवात व बृज बेल्ट में 0.66 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। मेवात को कांग्रेस और बृज क्षेत्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है। मेवात व बृज बेल्ट में कुल 12 विधानसभा सीटें आती हैं। यहां भाजपा की 7, कांग्रेस की 4 और एक निर्दलीय विधायक है।

23 विधानसभा सीटों वाली जीटी बेल्ट में पिछली बार औसतन 68.97 प्रतिशत मतदान था, जबिक इस बार 68.89 फीसदी मतदान हुआ। इस बार 0.11 फीसदी का अंतर रहा। देशवाली बेल्ट की बात करें तो यहां 2019 में 67.32 फीसदी मतदान हुआ था, इस बार 66.82 प्रतिशत मतदान हुआ है।

देशवाली में इस बार 0.5 प्रतिशत मामूली कमी आई है। यहां पर 14 विधानसभा क्षेत्र आते हैं और हर बार हुड्डा के समर्थक यहां से जीतते रहे हैं। भाजपा के गढ़ अहीरवाल बेल्ट की बात करें तो पिछली बार के मुकाबले यहां पर भी मामूली 0.10 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। इस पूरे क्षेत्र पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का प्रभाव है। इस बेल्ट की कुल 11 सीटों में से इस समय भाजपा के पास 8, कांग्रेस के पास 2 और 1 निर्दलीय है।
42 सीटों पर 70 फीसदी से अधिक मतदान, 7 पर 55 से कम
प्रदेश की कुल 90 सीटों में से 42 सीटों पर 70 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। इसमें सर्वाधिक ऐलनाबाद सीट पर 81 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है। 55 प्रतिशत से कम वोटिंग 7 विधानसभा सीटों पर दर्ज की गई है। बड़खल में सबसे कम 47. 29 फीसदी मतदान हुआ।
सात मंत्रियों की सीटों पर मतदान बढ़ा, दो पर मामूली गिरावट
विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में बने नौ मंत्रियों को टिकट दिया था, इनमें से सात मंत्रियों की सीटों पर मतदान प्रतिशत बढ़ा है, जबकि दो मंत्रियों की सीटों पर गिरावट दर्ज की गई है। सबसे अधिक मतदान कैबिनेट मंत्री जेपी दलाल की विधानसभा सीट लोहारू में देखने को मिला। उन्हें कांग्रेस उम्मीदवार राजबीर फरटिया कड़ी टक्कर देते दिख रहे हैं। 2019 में लोहारू में 72.46 फीसदी मतदान हुआ था। इस बार 79.66 फीसदी मतदान दर्ज हुआ, जो करीब 7.2 फीसदी ज्यादा है। वहीं, तीन मंत्रियों की सीटों पर मतदान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। सीएम नायब सिंह सैनी की सीट लाडवा में भी करीब 0.25 फीसदी मतदान में गिरावट दर्ज की गई।
अंबाला सिटी से सैनी सरकार के मंत्री असीम गोयल चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी सीट पर 2019 के चुनाव मुकाबले में इस बार 2.44 फीसदी ज्यादा मतदान हुआ। यहां उनका मुकाबला कांग्रेस के निर्मल सिंह के साथ है। इसी तरह, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कमल गुप्ता की सीट हिसार में 1.74 फीसदी, उद्योग मंत्री मूल चंद शर्मा की सीट बल्लभगढ़ में 1.85 फीसदी, सिंचाई मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव की सीट पर 1.1 फीसदी, पंचायत मंत्री महिपाल ढांडा की पानीपत ग्रामीण सीट पर 1.03 फीसदी और खेल मंत्री संजय सिंह की सीट नूंह में 0.91 फीसदी अधिक मतदान दर्ज किया गया है। दूसरी ओर, कृषि मंत्री कंवरपाल गुर्जर की जगाधरी सीट पर 0.53 फीसदी और निकाय मंत्री सुभाष सुधा की थानेसर सीट पर 2.03 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।