रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बिक्री के लिए हरियाणा के किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. गेहूं, सरसों, चना, जौ एवं सूरजमूखी आदि का रजिस्ट्रेशन 31 दिसंबर तक होगा. रबी 2021-22 के दौरान अब तक प्रदेश के 2,64,345 किसानों ने अपनी 17,63,721 एकड़ जमीन में बोई गई फसलों का रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. जो किसान रजिस्ट्रेशन नहीं करवाएंगे वो मंडियों में अपनी फसल एमएसपी पर नहीं बेच पाएंगे.इसलिए अगले पांच दिन में यह काम पूरा कर लें.
प्रदेश के कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने बताया कि रबी सीजन 2020-21 के दौरान प्रदेश के 10,05,383 किसानों ने 61,51,992 एकड़ जमीन पर बोई गई अपनी फसलों का पंजीकरण करवाया था. यानी इस बार अभी रजिस्ट्रेशन में किसान काफी पीछे हैं. खरीफ सीजन 2020 के दौरान 9,28,031 किसानों ने 50,60,758 एकड़ भूमि का पंजीकरण करवाया. जबकि खरीफ सीजन 2021 में 8,61,672 किसानों ने 51,50,943 एकड़ भूमि का ब्यौरा इस पोर्टल पर दिया था.
पोर्टल से कैसे होता है काम?
कृषि मंत्री ने बताया कि रजिस्टर्ड फसलों और क्षेत्र को तीन डेटा सेट (कृषि विभाग द्वारा फसल सत्यापन, राजस्व विभाग द्वारा ई-गिरदावरी और हरसेक द्वारा सैटेलाइट इमेजरी) के साथ वेरिफाई किया जाता है. इस वेरिफिकेशन के बाद किसान के खेत में फसल विशेष की उपज की गणना एमएसपी पर खरीद के लिए की जाती है. यदि किसान संतुष्ट नहीं है, तो वह अपनी शिकायत निवारण के लिए संबंधित जिला उपायुक्त से संपर्क कर सकता है. इस तरह किसान को बार-बार आपत्ति जताने और स्पष्टीकरण देने की छूट दी गई है.
अपनी डिटेल का प्रिंटआउट कभी भी ले सकते हैं किसान
फसल रजिस्ट्रेशन के दौरान भरे गए विवरण को किसान देख सकता है. वह उसका प्रिंटआउट कभी भी ले सकता है. इस प्रिंटआउट के लिए उसे तीन विवरण नाम, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और खाता संख्या का उपयोग करना होगा. किसान मंडियों में अपनी फसल बेचते समय भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. एमएसपी पर फसल की बिक्री के लिए संपर्क करते समय, किसान के पास रजिस्टर्ड फसल और क्षेत्र का प्रिंटआउट हो सकता है, जिसमें उस अधिकारी का नाम और पदनाम भी होगा, जिसने उसकी फसल और क्षेत्र का बेमेल सत्यापन किया है.
क्या-क्या मिलेगा लाभ
>>किसानों के लिए एक ही जगह पर सारी सरकारी सुविधाओं की उपलब्धता और समस्याओं के निदान के लिए 5 जुलाई 2019 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस पोर्टल की शुरुआत की थी.
>>इस पर रजिस्ट्रेशन के जरिए किसानों को खेती-किसानी से संबंधित जानकारियां समय पर मिलेंगी. उनके मोबाइल पर मैसेज जाएगा. खाद, बीज एवं कृषि उपकरणों की सब्सिडी समय पर मिलेगी. लोन भी इसी के जरिए मिलेगा.
>>यही नहीं फसलों की बिजाई-कटाई का समय और मंडी (Mandi) संबंधित जानकारी उपलब्ध होगी. अच्छी बात यह है कि प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) के दौरान सही समय पर मुआवजा दिलाने में भी यह पोर्टल मदद करेगा.