हरियाणा सरकार ने पात्र गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में निशुल्क शिक्षा के लिए दाखिला दिलाने को कमर कस ली है। तीन सदस्यीय समितियों का जिला स्तर पर गठन किया गया है। एडीसी समिति के चेयरमैन बनाए गए हैं। यह गरीबों के लिए बड़ी राहतभरी खबर है।
गरीब बच्चों को दाखिला दिलाने के लिए समितियां गठित
सरकार की ओर से बताया गया कि, समिति में डीईओ, डीईईओ व जिला राजस्व अधिकारी या उनका प्रतिनिधि इसमें सदस्य रहेंगे। ये समितियां बच्चों की पारिवारिक आय का सत्यापन करेंगी। पात्र बच्चों को आवंटित निजी स्कूलों में दाखिला दिलाना भी इनके जिम्मे रहेगा। जिन बच्चों की पारिवारिक आय 1.80 लाख से अधिक निकलती है या संदेह के दायरे में आती है, उनके मामले एक सप्ताह में निपटाने होंगे। सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी को देखते हुए ये समितियां गठित की हैं।
31 दिसंबर तक निजी स्कूलों को पात्र गरीब बच्चों को दाखिला देना है। लेकिन, वे बच्चों की पारिवारिक आय अधिक होने के आरोप या कोई न कोई आपत्ति लगाकर दाखिलों को रोक रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने दाखिला सुनिश्चित करवाने के लिए जिला प्रशासन को निर्देशित किया है।
हायर एजुकेशन में जोड़े जाएं सामाजिक कार्यों के नंबर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि विद्यार्थियों में सामाजिक सेवा व पर्यावरण संरक्षण जैसे सामाजिक विषयों पर भावना जागृत करने के लिए हायर एजुकेशन विभाग को कदम बढ़ाना चाहिए। भविष्य में ऐसे प्रावधान किए जाएंगे कि कॉलेज व विश्वविद्यालयों में स्वच्छता, पेड़ लगाना, सफाई अभियान व सरकारी योजनाओं से जुड़े कार्यों के नंबर दिए जाएं। इससे विद्यार्थियों में सामाजिक विषयों पर जागरूकता पैदा होगी।
मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों को समर्पण पोर्टल पर ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण करवाने पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि हर जिले में सेना एवं सरकारी सेवाओं से सेवानिवृत्त कर्मचारियों व अधिकारियों की बड़ी संख्या है। ऐसे लोगों को सामाजिक कार्यों में योगदान के लिए समर्पण पोर्टल पर पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जिला उपायुक्तों को इन लोगों से बैठक कर संपर्क स्थापित करना चाहिए।
134-ए की इनकम वैरिफिकेशन जल्द से जल्द हो पूरी
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेशभर में 134-ए के तहत विद्यार्थियों का चयन हुआ है। जिला उपायुक्त जल्द से जल्द जिला शिक्षा अधिकारियों से इनकी सूची लेकर इनकम वैरिफिकेशन करने का काम पूरा करें ताकि इन विद्यार्थियों को स्कूलों में दाखिला मिल सके।






































