हरियाणा सरकार ने गेहूं का उत्पादन कम होने के चलते अब खरीद का लक्ष्य 85 लाख मीट्रिक टन से घटाकर 43 लाख मीट्रिक टन कर दिया है। कुल 41.08 लाख एमटी गेहूं की खरीद की गई है। सरकार ने खरीद सीजन 2022-23 के लिए 85 लाख एमटीका टारगेट रखा था, लेकिन अभी तक सरकार खरीद सीजन के 35 दिनों में लक्ष्य का आधा गेहूं भी नहीं खरीद पाई। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने भारत सरकार के उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय के अवर सचिव को पत्र लिखकर सूचित किया है कि हरियाणा सरकार ने अपने गेहूं खरीद के निर्धारित लक्ष्य को संशोधित करके 43 लाख एमटी कर दिया है। अभी तक 41.08 लाख एमटी गेहूं की खरीद हुई है। इसके अलावा मंडियों में भी मामूली मात्रा में गेहूं का आ रहा है। इसे देखते हुए ही 43 लाख एमटी गेहूं आने की संभावना है। हरियाणा में अभी खरीद सीजन 15 मई तक चलेगा। वहीं सरकार द्वारा फिलहाल किसी भी मंडी को बंद करने की योजना नहीं है। इस बार जहां मंडियों में विभिन्न सरकारी एजेंसियों द्वारा 41.08 लाख एमटी की खरीद की गई, वहीं मंडियों में पहुंचे ट्रेडर्स ने भी 1.29 लाख एमटी गेहूं खरीदा, जबकि पिछले साल सरकार की एजेंसियां 4 मई तक 80.79 लाख एमटी गेहूं की खरीद कर चुकी थी। इस बार गर्मी अधिक होने के कारण गेहूं का दाना सिकुड़ गया है, जिसे लेकर विभाग के पास भी शिकायतें पहुंची थीं। इसकी जानकारी विभाग द्वारा केंद्र सरकार को भेजी गई थी। अब केंद्र से छह सदस्यीय टीम जांच के लिए हरियाणा पहुंची है। यह टीम सहायक निदेशक एसएंडआर क्यूसीसी गुवाहाटी गोपाल प्रसाद की देखरेख में निरीक्षण करेगी।
इसमें पुणे से तकनीकी अधिकारी प्रवीण डीटी, कोलकत्ता से ग्रेस मैरी, भोपाल से महेंद्र पाल यादव, नई दिल्ली से सुरभि सिवाच और भोपाल से सरबजीत कौर शामिल हैं। टीम ने बिना किसी देरी के खराबे को लेकर जांच शुरू कर दी है। एकत्रित किए गए नमूनों को जांच के लिए लैब में भेजा जाएगा। इसके अलावा इस संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी।
हरियाणा सरकार ने घटाया गेहूं खरीद का लक्ष्य: जायजा लेने के लिए पहुंची केंद्र की टीम
Parmod Kumar