रिकॉर्ड बता रहे हैं कि केंद्र सरकार ने राज्यों को यूरिया (Urea) और डीएपी (DAP) की पर्याप्त मात्रा की सप्लाई की है, लेकिन वो किसानों तक नहीं पहुंची. इसीलिए कई राज्यों में खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइनों वाली तस्वीरें हमने देखीं. जाहिर है कि बिचौलियों ने ब्लैक मार्केटिंग कर जमकर चांदी कूटी. उर्वरक संकट का सामना करने वाले सूबों में हरियाणा भी शामिल रहा है. प्रदेश के कृषि मंत्री जेपी दलाल का कहना है कि प्रदेश सरकार ने कालाबाजारी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की. 22 जिलों में 61 शिकायतें मिलीं, 157 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, 88 के लाइसेंस सस्पेंड किए गए और 20 पर एफआईआर दर्ज की गई.
कृषि मंत्री का दावा है कि 1685 टीमों ने कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए लगातार अलग-अलग जिलों में छापेमारी की. हरियाणा राज्य में रबी फसलों मुख्य तौर पर गेहूं तथा सरसों की बिजाई के दौरान डीएपी, यूरिया और अन्य उर्वरकों की कोई गंभीर कमी नहीं देखी गई. कृषि मंत्री ने कहा कि हर जिले में बिजाई को ध्यान में रखते हुए खाद उपलब्ध करवाई गई है. किसी भी उर्वरक की कमी के कारण गेहूं तथा सरसों फसल की बिजाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा है. दोनों फसलों के बुवाई क्षेत्र में वृद्धि हुई है.
तो फिर क्यों लगीं किसानों की लंबी लाइनें
दलाल ने कहा कि बिक्री केन्द्रों पर उर्वरकों की खरीद के दौरान कुछ स्थानों पर कतारें उर्वरक की कमी या आपूर्ति न होने के कारण नहीं थीं, बल्कि पीओएस मशीन (प्वाइंट ऑफ सेल मशीन) पर डेटा को अपडेट करने में कुछ समय लगता है. इस प्रणाली में आधार कार्ड और अंगूठे के निशान आदि की आवश्यकता होती है. इसलिए लगी थीं. भारत सरकार ने 2018-19 से आईएफएमएस (एकीकृत उर्वरक निगरानी प्रणाली) शुरू की थी, जो पीओएस मशीन के माध्यम से बिक्री को अनिवार्य करने की मांग करती है. ताकि बिक्री तथा स्टॉक के वास्तविक समय का आंकड़ा राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हो सके.
ताकि दूसरे राज्यों ने सप्लाई हो प्रदेश के हिस्से की खाद
कृषि मंत्री ने बताया कि उपायुक्तों को निर्देश दिए गए कि सख्त उपाय किए जाएं ताकि पड़ोसी राज्यों में किसी प्रकार का उर्वरक न जाने पाए. उपायुक्तों द्वारा उर्वरकों के स्टॉक की जांच तथा उर्वरक निगरानी प्रणाली पर हर दुकान पर स्टॉक की स्थिति को प्रदर्शित किया जाए. सरसों उगाने वाले जिलों में उर्वरकों के वितरण में प्राथमिक कृषि सहकारिता समितियों को प्राथमिकता दी जाए. उपायुक्तों द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में उर्वरकों के उपलब्ध स्टॉक का भौतिक सत्यापन करते हुए कालाबाजारी और चोरी को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं.
सिंगल सुपर फॉस्फेट को लोकप्रिय बनाने के निर्देश
दलाल ने जिला उपायुक्तों को सरसों उगाए जाने वाले क्षेत्रों में सिंगल सुपर फॉस्फेट (SSP) तथा गेहूं व आलू उगाए जाने वाले क्षेत्रों में एनपीके के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. मुख्यालय पर डीएपी की दैनिक निगरानी विभाग के विशेष अधिकारी द्वारा की जा रही है. डीलरों को अपने स्टॉक की स्थिति को आईएफएमएस में अपडेट करने के निर्देश दिए गए हैं. स्टॉक की जांच के लिए टीमों का गठन किया गया है. पुलिस द्वारा नियमित रूप से स्थापित नाकों पर जांच की जा रही है. ताकि पड़ोसी राज्यों में हरियाणा के कोटे की कोई खाद न जाए.