हरियाणा में सात साल में 28 बार पेपर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार ने अब भर्ती परीक्षाओं के लिए नए सिरे से फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है। यूपी से सबक लेते हुए प्रदेश सरकार अब परीक्षा प्रणाली में बदलाव को लेकर कई सख्त फैसले लेने जा रही है। भर्ती परीक्षाएं अब पुलिस के कड़े पहरे में होंगी। परीक्षा के पहले संदिग्ध कोचिंग सेंटरों पर पुलिस की निगरानी रहेगी, साथ ही जिस जिले में परीक्षा होगी, वहां की सीमाएं सील की जाएंगी। प्रश्नपत्र पहुंचाने वाली गाड़ियों में स्पेशल डिवाइस लगाए जाएंगे। सात अगस्त को पुलिस भर्ती का पेपर लीक होने के बाद से हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग प्रदेश सरकार के साथ लगातार मंथन कर रहा है। कई विशेषज्ञों की सलाह के बाद ही सरकार ने कुछ अहम फैसलों पर सहमति भी जता दी हैं। अब भविष्य में होने वाली सभी परीक्षाएं इसी पैटर्न पर आयोजित की जाएंगी।
हरियाणा: सरकार फरीदाबाद-गुरुग्राम समेत इन जिलों में भू-स्वामियों से किराये पर गोदाम लेगी परीक्षा से सात दिन पहले उन कोचिंग सेंटर पर पुलिस की निगरानी बढ़ाई जाएगी, जिनकी पेपर लीक मामले में भूमिका संदिग्ध रही है। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों पर पुलिस कर्मचारियों की संख्या को बढ़ाया जाएगा। सरकार को आशंका है कि पेपर लीक नहीं होने की सूरत में माफिया के लोग परीक्षार्थी को पेपर के साथ बाहर निकालने की कोशिश कर सकते हैं। इसलिए पूरा परीक्षा केंद्र खाकी की घेराबंदी में होगा। गैर जमानती धाराएं लगाने पर विचार कर्मचारी चयन आयोग ने यूपी की तर्ज पर नकल करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की सिफारिश की है। फिलहाल ऐसे मामलों में 120बी, 420, 468 की धारा में केस दर्ज किया जाता है। इनमें आरोपियों की जल्दी जमानत हो जाती है।
आयोग की मंशा है कि पेपर लीक मामले में गैर जमानती धाराएं लगें और दोषियों को सात साल सजा हो। साथ ही पेपर के खर्च के भुगतान को लेकर दोषी की प्रापर्टी को अटैच किया जाए। प्रश्न पत्रों के अलग-अलग प्रेस से सेट छपवाए जाएंगे लीकेज रोकने के लिए आयोग ने अपने स्तर पर भी कई अहम निर्णय लिए हैं। अलग-अलग प्रेस से एक ही पेपर के अलग-अलग सेट तैयार कराए जाएंगे, ताकि परीक्षा से पहले किसी को भनक ही न लग सके कि कौन सा पेपर परीक्षा में दिया जाएगा। दूसरा जो गाडियां परीक्षा केंद्र पर पेपर पहुंचाएंगी, उन पर आरएफडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी डिवाइस) लगाया जाएगा। इससे गाड़ी की लोकेशन पता लगेगी और जिस बाक्स में पेपर बंद होगा, अगर कोई उसको खोलेगा तो तुरंत मुख्यालय में अलर्ट का मैसेज आ जाएगा। पेपर लीक रोकने को लेकर प्रदेश सरकार और आयोग दोनों स्तरों पर काम चल रहा है। परीक्षा को फुल प्रूफ बनाने को लेकर गंभीरता के साथ मंथन चल रहा है। ऐसी तैयारियां की गई हैं कि भविष्य में पेपर लीक न हो सके। इसके लिए कानून में संशोधन किया जा रहा है।