हरियाणा सरकार ने परंपरागत खेती में बढ़े हुए जोखिम और लागत को देखते हुए अब बागवानी फसलों (Horticulture crops) पर जोर देना शुरू कर दिया है. इसलिए अलग-अलग फलों के नए बाग लगाने पर किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जा रहा है. ताकि किसान बागवानी को अपनाकर अधिक मुनाफा कमा सकें. लाभ उठाने के लिए इच्छुक किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (Meri Fasal Mera Byora Portal) पर अपनी जमीन का विवरण देना होगा. कुल रकबा व बैंक विवरण भी बताना होगा.
हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि किसानों की आय (Farmers Income) को दोगुना करने और उन्हें बागवानी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए बागवानी विभाग के माध्यम से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं. किसानों को अमरूद (Guava) के बाग लगाने पर 11,500 रुपए, नींबू के बाग लगाने पर 12 हजार रुपए और आंवला के बाग पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपए की राशि सरकार द्वारा अनुदान के रूप में दी जा रही है. इसी तरह चीकू की खेती के लिए प्रति एकड़ 9080 रुपये का अनुदान मिलेगा, जबकि आम के बाग के लिए 5100 रुपये प्रति एकड़ की मदद मिलेगी.
कितने एकड़ के लिए मिलेगी मदद
इस अनुदान योजना के तहत एक किसान अधिकतम 10 एकड़ तक बाग लगा सकता है. उसे 10 एकड़ के हिसाब से ही सरकार आर्थिक मदद भी देगी. बागवानी फसलों के लिए आर्थिक मदद का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात, बैंक कॉपी व आधार कार्ड के साथ अपने जिला बागवानी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
बागवानी के लिए कैसे मिलेगी आर्थिक मदद?
जिन किसानों ने एकीकृत बागवानी विकास मिशन के अनुसार वित्त वर्ष 2021 में अमरूद, आंवला व नींबू के बाग लगाए हैं, वे भी अनुदान के लिए अप्लाई कर सकते हैं. अधिकारियों ने बताया कि जिन किसानों ने इन बागवानी फसलों की खेती की है वे बागवानी पोर्टल (hortharyanaschemes.in) पर ऑनलाइन अप्लाई करके फायदा अनुदान का फायदा उठा सकते हैं. योजना का लाभ लेने के इच्छुक किसान जमीन के कागजात, बैंक कॉपी व आधार कार्ड के साथ जिला बागवानी कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं.
बागवानी बीमा योजना का मिलेगा लाभ
प्राकृतिक आपदाओं से बागवानी फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना (Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana) चलाई जा रही है. ताकि किसानों को नुकसान न हो. इसके तहत सब्जियों व मसालों की फसलों के नुकसान पर 30 हजार प्रति एकड़ और प्राकृतिक आपदाओं से फलों के नुकसान पर 40 हजार रुपये प्रति एकड़ का क्लेम मिलेगा. सब्जी और मसला फसलों के लिए बीमा प्रीमियम के रूप में किसानों को 750 रुपये एवं फल वाली फसलों के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ की दर से ही प्रीमियम देना होगा.