हरियाणा में दिवाली से पंचायती राज संस्थाओं से पहले नगर परिषद, नगर पालिकाओं के चुनाव हो सकते हैं। हालांकि, सरकार अभी पंचायती राज संस्थाओं – जिला परिषद, पंचायत समिति व ग्राम पंचायतों के चुनाव अभी करवाने के मूड में नहीं है। किंतु सरकार पंचायतों में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण का फैसला ले चुकी है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगाया हुआ है। SUV खरीदने का आपके लिए बेहतरीन मौका यहां क्लिक करें अब सरकार ने हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करके स्पष्ट कर दिया है कि वह महिलाओं के आरक्षण को लागू कराने के बाद ही चुनाव करेगी। बहरहाल, इस मामले की अगली सुनवाई 11 अक्तूबर को होगी। मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान इस बारे में कोई निर्णय नहीं हो सका। इससे पहले की सुनवाई पर हाईकोर्ट ने सरकार को यह विकल्प दिया था कि अगर वह पंचायतों के चुनाव अभी करवाना चाहती है तो पुराने नियमों के तहत करवाए जा सकते हैं। पुराने नियमों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत ही आरक्षण है। अब अगली सुनवाई पर सरकार की ओर से हाईकोर्ट में इसके लिए मजबूती से पैरवी की जाएगी।
टर्म जीवन बीमा योजना हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं का कार्यकाल फरवरी में पूरा हो चुका है। वहां अब प्रशासकों के जरिये विकास कार्य हो रहे हैं। वहीं प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों – नगर परिषद व नगर पालिका के चुनाव दिवाली से पहले करवाए जा सकते हैं। प्रदेश में 48 के लगभग नगर परिषद व नगर पालिकाओं के चुनाव होने हैं। इनका कार्यकाल जून में पूरा हो चुका है और तभी से निकाय प्रशासकों के हवाले हैं। राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से पंचायतों से पहले निकायों के चुनाव करवाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। संबंधित नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं में मुख्यालय से चुनाव सामग्री भेजनी शुरू हो चुकी है। नामांकन-पत्रों के अलावा ईवीएम की सीक्रेसी से जुड़े दस्तावेज जिलों में भेजे गए हैं। इतना ही नहीं, अब ईवीएम भी भेजने की तैयारी है। इससे पहले सरकार निकायों को लेकर लिए गए फैसलों को सिरे चढ़ाने की कोशिश में है। 20 साल और इससे अधिक समय से निकायों की प्रॉपर्टी के किरायेदारों व लीजधारकों को मालिकाना हक देने का फैसला सरकार ने लिया है। इसके लिए बाकायदा विधानसभा में कानून बनाया गया है। ‘मुख्यमंत्री स्वामित्व योजना’ के तहत लोगों को मालिकाना हक मिलेगा। इसमें आ रही अड़चनों को दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए जा चुके हैं। हालिया मानसून सत्र में अनाधिकृत काॅलोनियों को नियमित करने वाला विधेयक भी सरकार पास कर चुकी है। बताते हैं कि अगले कुछ दिनों में इसकी अधिसूचना जारी होगी और सभी निकायों को इसके लिए निर्देश जारी होंगे। राज्य में 1200 से अधिक काॅलोनियों को नियमित किया जा सकता है। हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा- ये किसान आंदोनल नहीं इसे ‘गदर’ कह सकते हैं दरअसल, ये दोनों ही फैसले सीधे तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करते हैं। ऐसे में सरकार चुनावी मैदान में जाने से पहले इन्हें पूरा करने की कोशिश में है ताकि इसका राजनीतिक लाभ निकाय चुनावों में मिल सके। निकायों के चुनाव भाजपा-जेजेपी गठबंधन मिलकर लड़ेंगे। इससे पहले भी तीन नगर निगमों, रेवाड़ी नगर परिषद व तीन नगर पालिकाओं के चुनाव दोनों पार्टियां मिलकर लड़ चुकी हैं। सूत्रों का कहना है कि अगर किसी तरह की अड़चन नहीं आई तो सितंबर के आखिर के चुनावों का ऐलान हो सकता है। चौहान की याचिका पर लगा स्टे गठबंधन सरकार ने गांवों में सरपंचों के पदों पर महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का निर्णय लिया। गुरुग्राम के जटोला निवासी प्रवीण चौहान व अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस पर स्टे लगाया हुआ है। याचिका में पंचायती राज संस्थाओं में बीसी-ए कैटेगरी को आठ प्रतिशत आरक्षण का फैसला भी सरकार ने लिया है।