भाजपा से जुड़कर भी नहीं धुले सीएम नीतीश के MLC जदयू एमएलसी की करोड़ों की संपत्ति ED ने की अटैच

Parmod Kumar

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भारतीय जनता पार्टी से जनता दल यूनाईटेड के जुड़ने के बाद बिहार में महागठबंधन इस बात पर नजर रख रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ राधा चरण सेठ पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई आगे होती है या नहीं। मंगलवार को यह जवाब मिल गया, जब ईडी ने जदयू एमएलसी राधा चरण सेठ की करोड़ों की संपत्ति अटैच करते हुए इसकी खुद घोषणा क

भारतीय जनता पार्टी से जनता दल यूनाईटेड के जुड़ने के बाद बिहार में महागठबंधन इस बात पर नजर रख रहा था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी के विधान पार्षद राधा चरण साह उर्फ राधा चरण सेठ पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कार्रवाई आगे होती है या नहीं। मंगलवार को यह जवाब मिल गया, जब ईडी ने जदयू एमएलसी राधा चरण सेठ की करोड़ों की संपत्ति अटैच करते हुए इसकी खुद घोषणा की।

सेठ और उनके सिंडिकेट से जुड़े 39 करोड़ की संपत्ति अटैच
प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार  प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 के तहत बिहार

विधान परिषद् के सदस्य राधा चरण साह की 26.19 करोड़ रुपए की दो अचल संपत्तियों को प्राथमिक तौर पर बंधक रख लिया गया है। ब्रॉडसंस कॉमोडिटीज़ प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हेरफेर में यह कार्रवाई की गई है। इसके अलावा राधा चरण सेठ के बालू सिंडिकेट में सहयोगी झारखंड के धनबाद निवासी जगनारायण सिंह उर्फ जगन सिंह व उनके पुत्र सतीश कुमार सिंह उर्फ संटू सिंह की तीन संपत्तियों को भी ईडी ने अटैच किया है। इन तीन संपत्तियों की कीमत 5.14 करोड़ के करीब आंकी गई है।

पिछले साल हुई थी तीनों की गिरफ्तारी
ईडी ने गलत तरीके से कमाई के मामले में राधा चरण सेठ के भोजपुर स्थित आवास पर कई बार और कई दिनों तक जांच-पड़ताल की थी। सेठ के साथ ही  बालू सिंडिकेट में इनके इन सहयोगियों के ठिकानों पर भी जांच की गई थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, राधा चरण सेठ ब्रॉडसंस कॉमोडिटीज़ और आदित्य मल्टीकॉम के सहारे अवैध तरीके से काम कर रहे थे। बिहार और झारखंड के बालू सिंडिकेट के रूप में पहचान होने के बाद ईडी ने जांच शुरू की थी। इसके बाद कई दौर की जांच चल रही थी तो कहा जा रहा था