दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को लेकर समाचार जगत की बड़ी हस्तियां भी चिंतित हैं। किसी समाचार की रिपोर्टिंग से लेकर इसके कारण समाचार संस्थाओं के रेवेन्यू पर भी गंभीर विचार विमर्श हो रहा है। अमर उजाला के एमडी तन्मय माहेश्वरी मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह समाचार जगत के लिए खतरा नहीं है, उल्टे इसके कारण कार्य की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण डिजिटल मीडिया के रेवेन्यू में वृद्धि भी हो सकती है
दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तरह कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) को लेकर समाचार जगत की बड़ी हस्तियां भी चिंतित हैं। किसी समाचार की रिपोर्टिंग से लेकर इसके कारण समाचार संस्थाओं के रेवेन्यू पर भी गंभीर विचार विमर्श हो रहा है। अमर उजाला के एमडी तन्मय माहेश्वरी मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता को सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो यह समाचार जगत के लिए खतरा नहीं है, उल्टे इसके कारण कार्य की गुणवत्ता में सुधार आ सकता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण डिजिटल मीडिया के रेवेन्यू में वृद्धि भी हो सकती है।
अमर उजाला के एमडी तन्मय माहेश्वरी ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित DNPA कॉन्क्लेव में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि समाचार जगत में रचनात्मक गुणवत्तापूर्ण मौलिक कार्य की कीमत सदैव बनी रहेगी। कृत्रिम बुद्धिमत्ता के आने से किसी मौलिक लेखन को कभी कोई खतरा नहीं हो सकता। DNPA के अध्यक्ष तन्मय माहेश्वरी ने कहा कि नई तकनीक को सही तरीके से अपनाने पर कार्य की गुणवत्ता में सुधार आता है। इस नई तकनीक के कारण भी यही होगा।
केंद्र सरकार में सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि उन्हें नहीं लगता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता के कारण रिपोर्टिंग या समाचार जगत को कोई खतरा है। बल्कि उन्हें लगता है कि इसका सही उपयोग करके डिजिटल समाचार की गुणवत्ता को बढ़ाया जा सकता है। इसके पहले भी कई तकनीकी क्रांति हुई है और उस समय भी इनके असर को लेकर लोगों ने चिंता व्यस्त की थी। लेकिन अनुभव बताता है कि इनसे कार्यों की गुणवत्ता में लगातार सुधार हुआ है।