हरियाणा पुलिस भर्ती का पेपर लीक होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. अब हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने मामले की जांच सीबीआई से करवाने के लिए सीएम मनोहर लाल को खत लिखा है. ऐसे में अब मामले की जांच सीबीआई कर सकती है. वहीं, पेपर लीक मामला शुक्रवार से शुरू हो रहे हरियाणा विधानसभा के मॉनसून सत्र में गूंजने की उम्मीद है.
क्या कहा विज ने
गृह मंत्री अनिल विज ने सीबीआई जांच के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा और कहा कि पेपर लीक के कई मामले हो चुके हैं. उसके बावजूद पुलिस किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची. हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग पर जनता का विश्वास बना रहे. ऐसे में पेपर लीक मामलों की सीबीआई से जांच की जरूरत है.
क्या है मामला
हरियाणा पुलिस का यह पेपर 7 अगस्त को लीक हुआ था. करनाल और कैथल पुलिस अब तक 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें से आधे से अधिक वे हैं, जिन्होंने खुद या फिर अपने परिवार के सदस्यों के लिए लाखों रुपये में पेपर खरीदा था. पुलिस का दावा है कि अब तक की पूछताछ में सामने आया है कि पुलवामा निवासी नजीर इसमें मुख्य कड़ी है. नजीर ने ही हिसार के गांव खांडा खेड़ी निवासी राजकुमार और मुख्य आरोपी के बीच बैठक करवाई थी. रमेश, राजकुमार और नरेंद्र समेत नजीर को पुलिस ने रिमांड पर लिया हुआ है, लेकिन अभी तक आरोपियों से कुछ खास नहीं उगलवा पाई है.
हरियाणा में बनेगा कानून
पेपर लीक मामले में हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने बड़ा फ़ैसला लिया है. सरकार ने नकल विरोधी कानून बनाने जा रही है. विधानसभा के इस मानसून सत्र में सरकार नकल विरोधी कानून बनाने के लिए विधेयक पेश कर सकती है. कानून का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. यदि यह कानून बन जाता है तो न केवल पेपर लीक करने वाला माफिया, बल्कि पेपर लेने वाले से लेकर कमीशन चेयरमैन, सदस्य, एजेंसी या अन्य जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे कम से कम 7 साल जेल की सजा हो सकती है.












































