चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ललित बतरा को हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया है। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट की फटकार के बाद हरियाणा में करीब 14 महीने बाद अध्यक्ष और दो सदस्यों की नियुक्ति हुई है। अब हरियाणा सरकार गुरुवार को इस संबंध में हाई कोर्ट में सकारात्मक जवाब दाखिल करेगी।
हरियाणा में मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के पद पिछले 14 महीने से खाली पड़े हुए थे। कैथल के एक व्यक्ति की ओर से याचिका दायर किए जाने पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने इस संबंध में सरकार को फटकार लगाते हुए अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के निर्देश जारी किए थे। इस बीच हरियाणा में पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव आ गए, जिसके चलते यह नियुक्तियां सिरे नहीं चढ़ सकीं। हाई कोर्ट ने इन पदों पर नियुक्ति के लिए प्रदेश सरकार को 28 नवंबर तक का समय दिया था।
सरकार ने किया विशेषाधिकार का इस्तेमाल –
सरकार की ओर से पिछले सप्ताह की गई सर्च कमिटी की बैठक में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर कोई भी शामिल नहीं हुआ, जिसके चलते यह मामला और गहरा हो गया। सर्च कमिटी की बैठक में हरियाणा के मुख्यमंत्री, विधानसभा स्पीकर और गृह सचिव शामिल हुए। कांग्रेस ने इस बैठक में शामिल होने के लिए किसी भी विधायक को नामित नहीं किया। हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करने के दबाव के चलते सरकार ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए राज्यपाल के पास अध्यक्ष और सदस्यों के नाम का पैनल बनाकर भेज दिया। राज्यपाल की स्वीकृति के बाद मंगलवार को गृह सचिव अनुराग रस्तोगी ने एक अधिसूचना जारी करके पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश ललित बतरा को हरियाणा राज्य मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया।