चंडीगढ़: हरियाणा में जीत की हैट्रिक जड़ने के बाद बीजेपी ने नई सरकार की गठन की प्रक्रिया तेज की है। बीजेपी ने हरियाणा में पार्टी विधायक दल के नेता का चुनाव करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को हरियाणा राज्य का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इन दोनों नेताओं की मौजूदगी में विधायक दल के नेता का चुनाव किया जाएगा। नई सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्तूबर को पंचकुला में होगा। इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी है। रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री एकाएक असम के दौरे पर पहुंचे।
क्यों रखी है 17 को शपथ?
हरियाणा में बीजेपी की अगुवाई वाली नई सरकार 17 अक्तूबर को शपथ ग्रहण करेगी। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और एनडीए के नेता भी शामिल हो होंगे। 17 अक्टूबर को शपथ ग्रहण रखने को एक बड़े राजनीतिक संदेश से जोड़कर देखा जा रहा है। बीजेपी ने विधानसभा चुनावों ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सैनी को चेहरा बनाकर जीत हासिल की है। अब पार्टी नई सरकार के शपथ ग्रहण के मौके पर दलितों को संदेश देना चाहती है। 17 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती है। हरियाणा सरकार ने रामायण के लेखक की जयंती को चिह्नित करने के लिए 17 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया हुआ है। वाल्मीकि जयंती को वाल्मीकि धार्मिक समुदाय द्वारा ‘परगट दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। इस साल यह दिवस 17 को पड़ रहा है। पहले शपथ ग्रहण की तारीख 15 अक्तूबर थी। जिसे दो दिन आगे खिसका दिया गया।
जोश में है पूरी बीजेपी
हरियाणा में जहां सत्ता विरोधी लहर को भांपकर बीजेपी ने नेतृत्व परिवर्तन कर दिया था। बीजेपी का अनुमान सही साबित हुआ था, क्यों कि इसके बाद हुए लोकसभा चुनावों में बीजेपी को सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिली थी। पांच सीटें कांग्रेस ने झटक ली थी, लेकिन बीजेपी ने आप्रत्याशित उलटफेर करते हुए विधानसभा चुनावों में बाजी पलट दी और जीत की हैट्रिक जमा दी। बीजेपी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को मिले दलित-ओबीसी वोटों का एक बड़ा हिस्सा अपने पाले में लाने में कामयाब रही। पार्टी अब जब तीसरी बार राज्य की सत्ता पर काबिज होने जा रही है तब उसने दलित वर्ग को साधने की तैयारी की है। बीजेपी ने हरियाणा में कुल रिजर्व सीटों में आठ सीटें जीतीं है जबकि कांग्रेस को नौ सीटें मिली हैं।
बीजेपी कर चुकी हैं कई बड़े प्रयोग
बीजेपी हरियाणा में पहली भी दलितों को साधने के लिए कई बड़े प्रयोग कर चुकी है। इसी साल की शुरुआत में जब अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। इससे पहले बीजेपी ने अयोध्या अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर किया था। अक्टूबर 2015 में, खट्टर ने घोषणा की कि हरियाणा में एक विश्वविद्यालय का नाम महर्षि वाल्मीकि के नाम पर रखा जाएगा। इसके बाद कैथल विश्वविद्यालय का नाम बदलकर महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय हुआ था। बीजेपी ने हरियाणा में सिर्फ हैट्रिक नहीं जमाई है बल्कि अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है। पार्टी को चुनावों में 48 सीटें मिली हैं। इसके साथ तीन निर्दलीय ने अपना समर्थन सरकार को दिया है। पार्टी ने 2014 में 47 और 2019 में 40 सीटें जीती थीं।