हरियाणा विधानसभा में कल पंचायती राज संस्थाओं में राइट टू रिकॉल बिल लाया जाना था लेकिन किन्हीं कारणों के चलते एकबारगी इस बिल को रोक दिया गया है, अब आगामी सत्र में इस पर चर्चा की जा सकती है, अगर ये बिल हरियाणा में लागू हो जाता है तो सरपंचों को एक साल बाद ही मतदाताओं द्वारा उसको हटाने का अधिकार रहेगा, टोटल मतदाताओं का एक तिहाई सरपंच के खिलाफ राइट टू रिकॉल बिल का प्रस्ताव ला सकेंगे उसके बाद पंचायती राज के सीईओ एक महीने में भीतर फिर से वोटिंग की तारीख तय करेंगे, यदि टोटल मतदाताओं का 60 प्रतिशत हिस्सा सरपंच के खिलाफ वोटिंग करता है तो सरपंच को हटाया जा सकेगा, जानिए कैसे और क्यों लागू नहीं हो सका राइट टू रिकॉल बिल, देखिये ये रिपोर्ट प्रमोद कुमार के साथ वीडियो जर्नलिस्ट चरण सिंह