इससे पहले हुड्डा ने 2009 में अपने पास 23 विभाग रखे थे। उस दौरान उनके पास गृह था, लेकिन वित्त और आबकारी व कराधान बीरेंद्र सिंह के पास था। वहीं, 2014 में मनोहर सरकार में अपने पास गृह रखा और वित्त व आबकारी-कराधान कैप्टन अभिमन्यु को दिया। दूसरे कार्यकाल में मनोहर लाल ने गृह अनिल विज को आबकारी विभाग दुष्यंत चौटाला को दिया था। सैनी अब दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों पर भारी पड़े हैं। उन्होंने गृह, वित्त, आबकारी-कराधान और टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग अपने पास ही रखा है।
ये सारे ऐसे विभाग हैं, जिस पर हर मंत्री की नजर होती है। इन विभागों को लेकर खींचतान भी रहती थी। मनोहर लाल के दूसरे कार्यकाल में गृह विभाग को लेकर खींचतान किसी से छिपी नहीं है। नूंह दंगों के दौरान भी यह विवाद सबके सामने आया था।
वहीं, आबकारी विभाग को लेकर विपक्ष आरोप-प्रत्यारोप लगाकर भाजपा सरकार को घेरता रहा है। ऐसे में आलाकमान ने ये सभी विभाग सैनी को देकर न सिर्फ उन्हें मजबूत बनाया बल्कि नंबर दो की कुर्सी को भी खत्म कर दिया। अब मंत्रिमंडल में सर्वेसर्वा सीएम नायब सिंह सैनी और बाकी सभी मंत्री बराबर हैं। इसके पीछे एक रणनीति यह भी है कि सारे बड़े विभाग सैनी को देकर उन्हें विवाद व खींचतान से दूर रखा जाए।
शाह व मनोहर के करीबियों को मजबूत विभाग
मंत्रिमंडल में शाह व मनोहर के करीबियों को अच्छे विभाग मिले हैं। मंत्रिमंडल में शाह के करीबी राव नरबीर, विपुल गोयल और गौरव गौतम हैं। तीनों को मजबूत विभाग मिले हैं। राव नरबीर के पास उद्योग, जंगल, वाइल्ड लाइफ, पर्यावरण और विदेशी सहयोग विभाग शामिल है। विपुल गोयल को आपदा एवं प्रबंधन विभाग, निकाय विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग शामिल हैं। इसी तरह से राज्य मंत्री गौरव गौतम को खेल, यूथ ( स्वतंत्र प्रभार) और कानून व विधायी (सलंग्न ) विभाग दिए गए हैं।
उधर, कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार व रणबीर गंगवा को केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल का करीबी माना जाता है। वह अपने करीबियों को मजबूत विभाग दिलाने में कामयाब रहे हैं। कृष्ण लाल पंवार को विकास एंव पंचायत के साथ खनन विभाग मिला है। वहीं, रणबीर गंगवा को पीडब्ल्यूडी विभाग के साथ पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग विभाग दिया गया है। इसी तरह से श्रुति चौधरी को महिला व बाल विकास और सिंचाई विभाग दिया गया है। श्रुति चौधरी व उनकी मां किरण चौधरी को कांग्रेस से भाजपा में जाने वाले मनोहर लाल ही थे।
आरती राव को भी मिली बड़ी जिम्मेदारी
राव इंद्रजीत खेमे से मंत्रिमंडल में शामिल उनकी बेटी आरती राव को भी बड़ी जिम्मेदारी मिली है। स्वास्थ्य विभाग राज्य का एक जिम्मेदार विभाग है। ऐसे में यह किसी सीनियर मंत्री को ही दिया जाता रहा है। मनोहर सरकार के दोनों कार्यकाल में अनिल विज ही स्वास्थ्य मंत्री थे। जबकि सैनी के पहले कार्यकाल में डा. कमल गुप्ता स्वास्थ्य मंत्री थे। इस बार पहली बार विधायक बनी आरती राव को स्वास्थ्य विभाग, आयुष और मेडिकल व रिसर्च सौंपा गया है। सीएम सैनी ने उन्हें एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।