Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार को लेकर दीपक बाबरिया व प्रदेश कांग्रेस प्रधान आमने-सामने

parmodkumar

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हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार को कांग्रेस भुला नहीं पा रही है। पहले हार के लिए कांग्रेस नेता एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे थे। वहीं अब मतगणना वाले दिन गड़बड़ी की शिकायत को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रधान व प्रदेश प्रभारी में तकरार बढ़ गई है। गत रविवार को दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि उन्होंने कुछ सीटों पर धांधली के मैसेज प्रदेश प्रधान उदयभान को दिए थे। वहीं बाबरिया के बयान के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

उनका कहना है कि उनके पास कोई मैसेज नहीं आया। जो मैसेज मुझे मिला वह आधा अधूरा था। इस पर मैं क्या कारवाई करता। वहीं दीपक बाबरिया ने 10 से 15 सीटों पर गलत कैंडिडेट उतारने की बात को भी स्वीकार किया। इसके बाद बाबरिया ने यहां तक कहा कि अगर सब मेरा दोष मान रहे हैं तो मैं अपनी जिम्मेदारी छोड़ने को तैयार हूं। मैंने तो अपना इस्तीफा भी भेज दिया था। इस पर उदयभान ने कहा है कि 9 अक्टूबर को दोपहर करीब 3 बजे कांग्रेस नेता जगदीश धनखड़ के फोन से मैसेज भेजा गया था। टिकट वितरण पर सवाल उठाना ठीक नहीं है। टिकट केंद्रीय चुनाव कमेटी ने बांटे थे। उसके फैसले पर सवाल उठाना सही नहीं है।

केंद्रीय नेतृत्व को भेजी जाएंगी रिपोर्ट

वहीं गत दिवस फिर से कांग्रेस की फैक्ट फाइंडिंग कमेटी की बैठक दिल्ली में हुई।मीटिंग के बाद प्रभारी दीपक बाबरिया ने बताया कि कमेटी के सामने सभी सांसदों ने अपने फैक्ट्स रख दिए। जल्द ही इसकी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी जाएगी। उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया। वहीं उदयभान के बयान पर उन्होंने कहा कि यह बेहद ही संवेदनशील मुद्दा है। मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा।

जूम मीटिंग के जरिए हारे हुए नेताओं से वन टू वन की बात

हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के कारणों को जानने के लिए गठित फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने हारे हुए प्रत्याशियों और विधायकों से वन टू वन बात की। कमेटी में शामिल छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल और राजस्थान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए हर नेता से वन टू वन बात की है। किसी भी प्रत्याशी को इसे रिकॉर्ड करने की इजाजत नहीं दी गई। उन्होंने चुनाव हारने वाले प्रदेश के नेताओं में से 53 से बात की।c