Haryana News – 32000 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने खामियां की दुरुस्त

lalita soni

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कई उम्मीदवारों ने महिला की जगह फार्म में खुद को पुरुष दर्शा दिया। इस कारण उनका नाम परिणाम में नहीं आया। पीएमटी एवं कुछ श्रेणियों के लिए जारी की गई अभ्यर्थियों की सूची अब परिवर्तित होकर आएगी। परिवर्तित हुए डाटा के अनुसार उम्मीदवार के सीईटी स्कोर जारी किए जाएंगे

The way is clear for the recruitment of 32000 posts in Haryana

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने सीईटी के माध्यम से होने वाली 32 हजार पदों पर भर्तियों के लिए तैयारी पूरी कर ली है। अब स्क्रीनिंग परीक्षा व पीएमटी (शारीरिक माप परीक्षण) के लिए जल्द ही शेड्यूल जारी होगा। आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा के नतीजों के बाद उम्मीदवारों द्वारा दर्ज करवाई गई सभी आपत्तियों का निपटारा कर दिया है। साथ ही स्पष्ट किया है कि किन उम्मीदवारों की आपत्तियों पर विचार किया गया और कौन सी आपत्तियां विचार करने लायक नहीं थीं।

इससे पहले आयोग ने सीईटी से जुड़ा परिणाम सार्वजनिक किया तो उम्मीदवारों ने परिणाम में त्रुटियों बताते हुए आपत्तियां दर्ज करवाईं। आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह ने बताया कि अब इन सभी शिकायतों और सुझावों का अवलोकन करके डाटा को ठीक कर लिया है। जांच में पाया कि ज्यादातर गलतियों के लिए उम्मीदवार खुद ही जिम्मेदार हैं और आवेदन पत्र भरते समय सावधानी न बरतने के कारण ऐसा हुआ है।

कई उम्मीदवारों ने महिला की जगह फार्म में खुद को पुरुष दर्शा दिया। इस कारण उनका नाम परिणाम में नहीं आया। पीएमटी एवं कुछ श्रेणियों के लिए जारी की गई अभ्यर्थियों की सूची अब परिवर्तित होकर आएगी। परिवर्तित हुए डाटा के अनुसार उम्मीदवार के सीईटी स्कोर जारी किए जाएंगे। ऐसे किसी भी उम्मीदवार का दावा स्वीकार नहीं किया, जिसने आवेदन करते समय अपनी आवश्यक योग्यताओं के प्रमाण-पत्र अपलोड नहीं किए थे।

अन्य त्रुटियों को इस तरह किया गया ठीक

    • अधिकतर त्रुटियां एक्स सर्विसमैन को लेकर थीं, उनको पेंरेंटल श्रेणी के साथ-साथ एक्स सर्विसमैन की श्रेणी में भी रखा है।
  • डीईएसएम, डीएफएफ, पीडब्ल्यूडी की श्रेणियों को भी ठीक कर लिया है।
  • उन सब का डाटा अब ठीक कर लिया है, जिन्होंने समय रहते सामाजिक व आर्थिक मापदंड के अंक वापस ले लिए।
  • जिन उम्मीदवारों ने ग्रुप सी श्रेणी के पद के लिए डी श्रेणी के अनुभव के अंक क्लेम किए थे, उनके अंक हटा दिए हैं।
  • निजी संस्थानों के अनुभव को भी अस्वीकार कर दिया है। दूसरे राज्यों एवं केंद्रीय सरकार के अनुभव को केवल विज्ञापन की शर्तों के अनुरूप स्वीकार किए हैं।
  • अनुचित फादरलैस लाभ के नंबर भी हटा दिए हैं।